Dhanteras Do's and Don'ts: पूरे देशभर में आज धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन खरीदारी करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है. शास्त्रों के अनुसार धनतेरस पर कुछ चीजों की मनाही होती है. इसी के चलते आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें.


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धनतेरस पर क्या न करें
- धनतेरस पर घर को गंदा नहीं रखना चाहिए. इस दिन साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.
धनतेरस पर भूलकर भी बड़े-बुर्जुग और महिलाओं का अपमान न करना चाहिए.
धन त्रयोदशी पर किसी के से अपशब्द नहीं बोलने चाहिए.
धनतरेस के मौके किसी के लिए मन में गलत विचार न लाएं.
धनतेरस के दिन मांस-मदिरा और तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.


 


धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए
धनतेरस के अवसर पर शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की पूजा करना शुभ होता है.
धनतेरस पर जरूरतमंदों का दान करना चाहिए.
झाड़ू, सूखा धनिया और पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है.
धनतेरस पर साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
धनतेरस पर सूर्यास्त के बाद दीपदान करना चाहिए.
धनतेरस पर गाय को रोटी या हरा चारा खिलाना चाहिए.
धनतेरस पर मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करें और उनकी आरती करें.


 


मां लक्ष्मी की आरती 
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)