Auspicious yoga on diwali 2023: दीपावली पर्व की तैयारी घर बाहर सब जगह तेजी से शुरु हो चुकी है. आप भी अपने घर में साफ सफाई कर ही रहे होंगे. बाजारें भी सजधज कर तैयार हैं और आपको नए नए सामान खरीदने के लिए आकर्षित कर रही हैं. दीपावली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा तो सभी करते हैं लेकिन आप देखते होंगे इसका पूरा फल कुछ लोगों को ही मिल पाता है. बड़ा कारण है मुहूर्त और पूजा विधि इस लेख में हम इसी बात को सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करेंगे. श्री महालक्ष्मी पूजा दीपोत्सव का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार तारीख 12 नवंबर 2023 को होगा. 


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निर्णयसागर पंचांग के अनुसार मूहुर्त 


लाभ अमृत वेला - दोपहर 12:00 - 12.44 तक 


अभिजीत वेला  - दोपहर 01:43 - 03:04 तक 


शुभ वेला -  सायं 05:46 - रात्रि 08:25 तक 


प्रदोष वेला - सायं 05:46 - रात्रि 09:04 तक


शुभ अमृत वेला - रात्रि 09:04 - 10:43 तक


चंचल वेला - रात्रि 02:01 - 03:40 तक


पूजा का समय (घर और ऑफिस दोनों के लिए)


वृश्चिक लग्न - सुबह 07:20 - 09:37 तक


कुंभ लग्न - दोपहर 01:27 - दोपहर 02:55 तक 


वृष लग्न - सायं 06:00 - 07:57 तक 


निशीथकाल (सिंह लग्न) - मध्यरात्रि 12:28 - 02:43 तक (इस अवधि में कनकधारा स्तोत्र का पाठ विशेष लाभकारी रहता है)


स्थिर लग्न - दीपावली का पूजन यानी लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा सदैव स्थिर लग्न में की जाती है. स्थिर लग्न लेने का कारण यह है कि लक्ष्मी माता आपके यहां स्थिर हों. आप की उपासना और प्रार्थना में स्थिरता आए इसके लिए स्थिर लग्न में पूजा की जाती है.   


कुंभ लग्न - जो लोग ऑफिस में हैं या अपना कारोबार करते हैं, दुकान आदि है तो उन लोगों को कुंभ लग्न में पूजा करनी चाहिए.