Ganpati Aarti Lyrics: विघ्‍नहर्ता गणेश सारे संकटों को हरने वाले हैं और बेहिसाब सुख-समृद्धि देते हैं. बुधवार का दिन, चतुर्थी तिथि और गणेश महोत्‍सव के 10 दिन भगवान गणेश को समर्पित हैं. इन दिनों में गणपति बप्‍पा की पूजा-अर्चना करना उनकी बेशुमार कृपा दिलाता है. साथ ही जीवन के सारे दुख-संकट दूर होते हैं. गणेश जी अपने भक्‍तों के सारी विघ्‍न-बाधाएं दूर करते हैं. गणेश जी को प्रसन्‍न करने के लिए गणेश उत्‍सव के 10 दिनों के दौरान रोजाना उनकी पूजा करें और उन्‍हें लड्डू-मोदकों का भोग लगाकर गणेश जी की आरती करें. इससे ना केवल आपके जीवन में खुशियां आएंगी, बल्कि सारी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी. 

 


गणेश जी की आरती

 

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

 


 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)