Why should not cook food after death in house: हर धर्म में मृत्‍यु और उसके बाद की अंतिम क्रियाओं को लेकर कुछ नियम और परंपराएं हैं. गरुण पुराण में अंतिम संस्‍कार और उसके बाद मृतक की आत्‍मा की शांति के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. जिनका पालन जरूर करना चाहिए. इन्‍हीं में से एक है घर में किसी की मृत्‍यु के बाद कुछ समय तक चूल्‍हा न जलाने और भोजन न पकाने का नियम है. इसके अलावा मृतक का परिवार अंतिम संस्‍कार से लेकर तेरहवीं और उसके बाद तक कई रस्‍मे निभाता है. 


16 संस्‍कारों में से अंतिम संस्‍कार है मृत्‍यु 


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हिंदू धर्म में 16 संस्‍कारों का जिक्र है, जिसमें गर्भ संस्‍कार से लेकर मृत्‍यु के बाद किया जाने वाला अंतिम संस्‍कार (16वां संस्‍कार) तक शामिल है. गरुण पुराड़ में अंतिम संस्‍कार और मृत्‍यु के बाद आत्‍मा के सफर के बारे में भी बताया गया है. इसलिए घर में किसी की मृत्‍यु होने के बाद गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है. 


...इसलिए मृत्‍यु के बाद घर में नहीं जलाते चूल्‍हा 


गरुड़ पुराण में कहा गया है कि परिवार में जब किसी की मृत्‍यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्‍कार होने तक घर में चूल्‍हा नहीं जलाना चाहिए. अंतिम संस्‍कार के बाद जब पूरा परिवार स्‍नान कर ले, उसके बाद ही भोजन पकाना चाहिए. कई घरों में तो 3 दिन बाद घर की सफाई होने तक घर में भोजन न पकाने की परंपरा है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण जिम्‍मेदार हैं. गरुड़ पुराण के मुताबिक जब तक व्‍यक्ति का अंतिम संस्‍कार नहीं होता, तब तक वह अपने परिवार और संसार के मोह में पड़ा रहता है. ऐसे में मृतक के प्रति सम्‍मान दिखाने के लिए घर में भोजन नहीं पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए.  


संक्रमण से भी होता है बचाव 


वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो मृतक के शरीर में कई तरह के बैक्‍टीरिया आदि पैदा हो जाते हैं. ऐसे में जब घर में शव रखा हो तो इस दौरान घर के लोगों द्वारा भोजन पकाने से संक्रमण फैलने की आशंका ज्‍यादा रहती है. इसलिए अंतिम संस्‍कार के बाद स्‍नान करके साफ कपड़े पहनने के बाद ही भोजन पकाना और खाना चाहिए. 
 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 



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