Guru Purnima in 2023: आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं यानी इस दिन लोग अपने गुरु का पूजन करते हैं, उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को सफल करते हैं. भौतिकवादी युग में गुरु के प्रति आस्था में न्यूनता आई है, जिसके परिणाम स्वरूप जीवन में अशांति, असुरक्षा और मानवीय गुणों का अभाव हो रहा है. अब जिन लोगों के कोई गुरु नहीं हैं वह इस बात को लेकर परेशान होते हैं कि वह किसकी पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करें. ऐसे लोगों की चिंता का समाधान तुलसी बाबा ने कर दिया है, उन्होंने हनुमान चालीसा में लिखा है.


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जै जै जै हनुमान गोसाईँ


कृपा करहु गुरुदेव की नाईँ


गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित मानस और हनुमान चालीसा के प्रारंभ में ही गुरु वंदना की है. उन्होंने कहा है कि अगर किसी का गुरु नहीं है तो वह हनुमान जी को अपना गुरु बना सकता है. ईश्वर का साक्षात्कार बिना गुरुकृपा के होना कठिन है. हनुमान जी के सामने पवित्र भाव रखते हुए उन्हें अपना गुरु बनाया जा सकता है. एकमात्र हनुमान जी ही हैं जिनकी कृपा हम गुरु की तरह प्राप्त कर सकते हैं. तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा का शुभारंभ ही गुरु के चरणों में नमन करते हुए किया है.


श्री गुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुरु सुधारि


बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि


बुद्धि हीन तनु जानके, सुमिरौ पवन कुमार 


बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार


तुलसी बाबा ने हनुमान चालीसा में सभी को बजरंगबली को अपना गुरु बनाने का संदेश दिया है. उन्होंने शिष्य को सचेत करते हुए कहा है कि हनुमान जी को गुरु बनाने के बाद अनुशासित रहना अनिवार्य है. अपनी मति और गति सही दिशा की ओर रखनी चाहिए. राम भक्त श्री हनुमान की कृपा पानी हो तो उन्हें नियम, भक्ति और समर्पण से ही प्रसन्न किया जा सकता है. हनुमान जी उन्हीं पर कृपा करते हैं जिनके विचार नेक होते हैं. इस बारे में भी गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा, महाबीर बिक्रम बजरंगी,कुमति निवार सुमति के संगी.


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