Hartalika Teej Rules: हरतालिका तीज का व्रत देशभर में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. इस बार हरतालिका तीज 31 जुलाई के दिन मनाई जाएगी.कहीं इसे हरतालिका तीज तो कहीं तीजा के नाम से जाना जाता है. हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं. बता दें कि हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये व्रत रखा जाता है. 


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हरतालिका तीज के दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव और मां पावर्ती की पूजा का विधान है. ये व्रत करवाचौथ के व्रत की तरह ही रखा जाता है. इस महिलाएं निराहार और निर्जला व्रत रख पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. ये व्रत अगर कोई महिला एक बार शुरू कर देती है, तो इसे छोड़ा नहीं जाता.अगर आप भी पहली बार ये व्रत रख रही हैं, तो हरतालिका तीज के व्रत नियमों को ध्यान से जान लें. 


हरतालिका तीज व्रत के नियम


 


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- बता दें कि जो महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखने की सोच रही हैं, ये व्रत एक बार रखने के बाद हर साल रखा जाता है. इसे बीच में छोड़ा नहीं जा सकता. इस व्रत के दौरान विधि-विधान से पूजा-पाठ की जाती है. 


- अगर हरतालिका तीज के दौरान मासिक धर्म हो जाएं, तो महिलाएं व्रत रख सकती हैं और किसी दूसरी महिला से कथा सुन कर दूर से ही भगवान को नमन करें.


 


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- हरतालिका तीज के व्रत का एक कास नियम ये भी है कि इस व्रत को करने वाली महिलाएं रात में सोएं नहीं. बल्कि इस रात जागरण किया जाता है. और भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. अगर कोई इस रात को सो जाता है तो उसे अगले जन्म में अजगर का रूप मिलता है. 


- ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए. इस दिन गुस्सा भूलकर भी न करें. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)