Holika Dahan Puja Vidhi: होली का त्योहार वर्ष में एक बार ही आता है. इसमें होलिका दहन और रंग खेलने दोनों का अलग अलग महत्व है. होलिका दहन का शुभ अवसर बुराई का अंत करके सत्य पर चलने की सीख देने के साथ, नेगेटिविटी, बीमारी और नजर दोष को भी दूर करने के मौके भी देता है. होली जैसे महत्वपूर्ण अवसर को यूं ही नहीं जाने देना है बल्कि इसका भरपूर उपयोग करते हुए अपने जीवन को सार्थक करना होगा. इस बार 24 मार्च को रात्रि में 11 बजकर 10 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जाना है. होलिका दहन में किए जाने वाले उपायों से आप अपनी बहुत सी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं.  


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होलिका दहन के उपाय 


- होलिका की पूजा करने जाएं तो पूजा शुरू करने से पहले होलिका को हल्दी का टीका लगाएं फिर परिक्रमा करें.


- 5 या 11 गाय के गोबर के उपलों को किसी सुतली से बांध लें, नारियल के सूखे गोले में छेद करके उसमें जौ, तिल, एक मुट्ठी सरसों के दाने, शक्कर, चावल और घी भर लें. फिर उसे होलिका की जलती हुई अग्नि में जला देना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यों में आने वाले विघ्न दूर होते हैं. 


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- होलिका दहन होने से पहले या फिर बाद में शाम के वक्त घर में उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है.


- गन्ना और गेहूं की बाली आदि जो भी चीजें अग्नि में अर्पित करनी हैं, उसे अर्पित करके घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.


- होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करके जल अर्पित करें क्योंकि ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है.


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- होलिका दहन की रात्रि में श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है. इससे विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है.


- शनि की साढ़ेसाती या शनि के कोप से प्रभावित लोगों शनि के बीज मंत्र का जप कर हनुमान जी की विधिवत आराधना करनी चाहिए. 


- होलिका दहन के बाद घर में आकर भी पूजा घर में एक दिया जरूर जलाएं.