Astrology: चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से हो जाती है. इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और देउठनी एकादसी के दिन जागते हैं. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. चातुर्मास 4 नवंबर को समाप्त होगा. इस दौरान कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान ये समय कुछ राशि के जातकों के लिए फायदेमंद रहने वाला है. वहीं, कुछ राशियों सतर्क रहने की जरूरत है. नौकरी-बिजनेस में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने से भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं. ऐसे में अगर ये चार महीने भगवान शिव की पूरी आराधना की जाए, तो भक्तों के कष्टों को कम किया जा सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वृषभ राशि- चातुर्मास के चार महीने वृषभ राशि वालों को  सतर्क रहने की जरूरत है. इस दौरान इन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्यस्थल पर वाद-विवाद करने से बचें. ये वजह आपकी नौकरी को भी खतरे में डाल सकती हैं. बिजनेस में इस दौरान थोड़ा सतर्क रहें. वैवाहिक जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. पार्टनर का सहयोग मिलेगा. 


मिथुन राशि- इस राशि के जीवन में उथल-पुथल हो सकती है. इसलिए ये चार माह थड़ा संभलकर चलें. इस दौरान आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. वाहन चलाते समय और यात्रा करते समय सावधानी बरतें. कर्ज से मुक्ति मिल सकती है. इतना ही नहीं, शुभ फलों की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और विष्णु जी की अराधना करें. 


कर्क राशि- चातुर्मास में ग्रहों का राशि परिवर्तन वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मचा सकता है. खुद का बिजनेस करने वाले लोग थोड़ा संभलकर कार्य करें. साझेदारी में बिजनेस करने से बचें. इसमें धोखा मिलने की संभावना है. नौकरी में पदोन्नति मिलने की संभावना है. इस दौरान दूसरों के बीच में न फंसें वरना नुकसान हो सकता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर