Deepak Jalane Ke Fayde: सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के समय दीपक जलाने की प्राचीन परंपरा है. जब भी कोई पूजा, आरती या धार्मिक अनुष्ठान होता है, तब दीपक की ज्योति को प्रज्वलित किया जाता है. इससे स्थल का पवित्रता बढ़ता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है. यह माना जाता है कि दीपक की ज्योति भगवान की उपस्थिति को अधिक शक्तिशाली बनाती है और उसके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. हिंदू धर्म में भगवान को दीपक जलाना सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन की पवित्रता, ज्ञान और सकारात्मकता की प्रतिष्ठा का भी माध्यम है. मिट्टी और विभिन्न आटे के दीपक का अपना विशेष महत्व है, जिससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.


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गेहूं के आटे का दीपक
ज्योतिषों का मानना है कि गेहूं के आटे का दीपक जलाने से वाद-विवाद से मुक्ति मिलती है. जिन लोगों को विवादों में उलझना पड़ता है या वे पहले से उसमें उलझे हैं, उन्हें गेंहू के आटे का दीपक जलाना चाहिए.


मूंग के आटे का दीपक
धार्मिक मान्यता है कि मूंग के आटे का दीपक जलाना घर की सुख-शांति के लिए शुभ होता है. इसे जलाने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है और दरिद्रता भी दूर होती है. 


उड़द के आटे का दीपक
शास्त्रों में बताया गया है कि उड़द के आटे का दीपक अपने शत्रुओं से परेशानी से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना जाता है. इसे जलाने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है.


11 दीपक
ज्योतिष शास्त्र के नियम के अनुसार, यदि किसी की कोई मनोकामना हो तो वह एक से 11 दीपक जला सकता है. पहले दिन एक दीपक, दूसरे दिन दो दीपक, और ऐसे हीं धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं. और अगर घटते क्रम में जला रहे हैं तो पहले दिन 11 दीपक और आख़िरी दिन एक दीपक जलाएं. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)