Kartik Purnima shubh muhurat: आज के दिन पूरे श्रद्धाभाव से कार्तिक पूर्णिमा का त्‍योहार मनाया जा रहा है. इस अवसर पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन होता है. वैसे भी कार्तिक का पूरा महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है. ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने से वे जल्‍द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्‍तों की मनोकामनाएं भी पूरी कर देते हैं. धार्मिक मान्यता होती है कि जो लोग कार्तिक के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान पुण्य करते हैं, तो उससे उनके पाप धुल जाते हैं. ऐस माना जाता है, कि पूर्णिमा के इस व्रत को यदि भक्त सच्चे मन से करते हैं तो उन्‍हें सौ अश्वमेध यज्ञ के समान ही फल की प्राप्ति होती है. अगर आपने कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा है तो जान लीजिए इस व्रत का क्‍या महत्व होता है? पूजन का शुभ मुहूर्त कब है? पूजा करने की विधि क्‍या है?  


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कार्तिक पूर्णिमा 2022 कब मनाई जाती है? 


हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा 07 नवंबर को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू हो गई थी जो 08 नवंबर 2022 को 04 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी. सूर्योदय के बाद ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है यानी आज 08 नवंबर 2022 को पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. 


कार्तिक पूर्णिमा 2022 का शुभ मुहूर्त भी जान लीजिए 


कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 31 मिनट तक का है.


कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि जान लीजिए  


शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्द उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें, अगर आप घर पर ही स्‍नान कर रहे हैं तो स्नान के पानी में गंगाजल मिला लें. फिर सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व रहता है. ऐसा कहा जाता है कि ये कर्म करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं.


कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्‍या है?


कार्तिक माह को हिंदू धर्म में बहुत खास माना गया है. ऐसी मान्‍यता है कि यह महीना भगवान विष्णु को प्रिय है. इस महीने में भक्‍त सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो उनकी हर मनोकामनाएं जल्‍द पूरी होती है. ज्योतिष शास्त्र के भी बताया गया है कि इस महीने में पूजा पाठ करके जन्म कुंडली के दोषों को दूर किया जा सकता है. 


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