Karwa Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म में काफी प्रमुख व्रत है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के साथ सुख समृद्धि की कामना करने के लिए रखती हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं। यानी की इस व्रत में वह पानी नहीं पीती हैं. वहीं रात में चांद के साथ अपने पति का चेहरा देखकर वह इस व्रत को खोलती हैं. हालांकि कुछ महिलाओं को यह व्रत न रखने की सलाह दी जाती है. जहां कुछ विशेष परिस्थितियों में ही महिलाओं को करवा चौथ का व्रत न रखने को कहा जाता है. आइए जानते हैं आखिर किन महिलाओं को कौन सी परिस्थिति में करवा चौथ का व्रत रखने की मनाही की जाती है.


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प्रेगनेंट महिलाएं - करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए काफी पवित्र होता है. हालांकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को यह व्रत न रखने की सलाह दी जाती है. इसका कारण यह है कि गर्भावस्था में पूरे दिन भूखे रहने से उनकी और बच्चे ही सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखने से मना किया जाता है.


डायबिटीज - जिन महिलाओं को डायबिटीज है, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत रखने से मना किया जाता है. दरअसल इसका कारण यह है कि उपवास रहने की वजह से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल नहीं रहता है, जो डायबिटीज की महिलाओं के लिए बड़ी दिक्कत हो सकती है.


हार्ट पेशेंट्स - करवा चौथ का व्रत उन महिलाओं को भी रखने से मना किया जाता है, जिन्हें दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, क्योंकि पूरे दिन उपवास में भूखे रहने से बीपी बढ़ सकता है और यह काफी घातक भी हो सकता है.


किडनी पेशेंट्स - करवा चौथ का व्रत किडनी पेशेंट्स के लिए स्वास्थ्य पर गहरा असर डालने वाला साबित हो सकता है. दरअसल करवा चौथ के व्रत में पूरे दिन पानी न पीने की वजह से आपकी किडनी पर प्रभाव पर सकता है. इसलिए इन महिलाओं को भी करवा चौथ का व्रत न रखने की सलाह दी जाती है.



Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने इस खबर को लिखने में सामान्य जानकारियों और धार्मिक मान्यताओं की मदद ली है. इसके सही या गलत होने की पुष्टि ZEE NEWS हिंदी नहीं करता है.