Kharmas Remedy: हिंदू धर्म में खरमास के महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. वैसे तो इस दौरान सभी शुभ कार्य कुछ समय के लिए रुक जाते हैं. बता दें कि खरमास साल में दो बार आता है. एक खरमास मार्च के मध्य ये अप्रैल के मध्य महीने तक चलता है. वहीं दूसरा खरमास 16 दिसंबर से 15 जनवरी मकर संक्रांति तक समाप्त होता है.


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खरमास महीने की शुरुआत तब होती है जब सूर्य देव गुरु ग्रह की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं. वहीं इस बार साल का आखिरी खरमास सूर्य ग्रह के धनु राशि में गोचर करने से होगा. रविवार के दिन समय 4 बजकर 9 मिनट से यह प्रारंभ होने वाला है. दरअसल खरमास के महीने में कई ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं. ऐसे में कुछ लोगों के कुंडली पर इसका शुभ और अशुभ दोनों ही प्रभाव पड़ सकते हैं. जिससे कि व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. जिससे बचने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके बारे में विस्तार में जानते हैं.


करें सूर्य देव की उपासना


खरमास के महीने में सूर्य देव की विधि विधान से आराधना करना फलदायी माना जाता है. इसके लिए प्रतिदिन सुबह उठ कर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल और लाल फूल के अलावा चंदन को मिला कर अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही लाल चंदन की माला से सूर्य मंत्र का जाप करना फलदायी माना जाता है. इस उपाय को करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है, जिसकी वजह से करियर में सफलता मिलती है.


गुरु को मजबूत करने के उपाय


खरमास के महीने में देवगुरु बृहस्पति की आराधना करना फलदायी माना जाता है. इस दौरान व्यक्ति को अगर कुंडली में देवगुरु बृहस्पति को मजबूत बनाना है तो ऐसे में हर गुरुवार को बृहस्पति भगवान की आराधना जरूर करें. साथ ही भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन बृहस्पति चलिसा का पाठ जरूर करें. बता दें कि कुंडली में गुरु के मजबूत रहने पर धन और विद्या दोनों की ही प्राप्ति होती है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)