Khatu Shayam Ji: सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं को सप्ताह का अलग-अलग दिन समर्पित है. कहते हैं कि अगर उस दिन विधिपूर्वक उन देवी-देवता की पूजा की जाए, तो भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान प्रसन्न होकर हर कामना पूर्ण करते हैं. ऐसे में सीकर में स्थित खाटू श्याम बाबा के मंदिर को लेकर लोगों में बहुत आस्था है. कहते हैं कि जो भी व्यक्ति यहां अपनी मुराद लेकर जाता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता.      


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शास्त्रों में खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा, तीन बाण धारी और शीश के दानी आदि के नाम से जाना जाता है. जिस तरह सभी देवी-देवताओं का एक खास दिन होता है, उसी प्रकार बाबा खाटू श्याम जी को भी एक खास दिन समर्पित है. आइए जानते हैं वह कौन-सा दिन है, जब खाटू श्याम जी के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी हो जाती हैं.  


जानें कौन है खाटू श्याम बाबा 


मान्यता है कि खाटू श्याम बाबा पांडवों में से भीम के पोते अर्थात घटोत्कच के बेटे कहे जाते हैं. इनका असली नाम बर्बरीक है. इनकी प्रसिद्धि का कारण महाभारत के युद्ध से जुड़ा हुआ है. पौराणिक मान्यता है कि महाभारत के युद्ध में हिस्सा बर्बरीक ने माता की आज्ञा से लिया था. उस समय ने मां ने ये बात कहते हुए आज्ञा दी थी कि तुम युद्ध में हारे का सहारा बनना. तभी से वे हारे का सहारा बन गए. 


दर्शन के लिए ये दिन उत्तम  


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैसे तो सप्ताह के सातों दिन में से किसी भी खाटू श्याम जी के दर्शन किए जा सकते हैं. लेकिन फिर भी कुछ दि न और तिथि ऐसी हैं जिन पर दर्शन कर मनोकामना करने से जल्द ही सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर खाटू श्याम जी के दर्शन करना शुभ फलदायी माना गया है.  ऐस मान्यता है कि इस दिन खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने से वे भक्तों की पुकार जल्दी सुनते हैं और उसे पूरा करते हैं.