Shiv Ji Mythological Story: भगवान शिव को महादेव, महाकाल, शंकर, रुद्र, नाथ और नटराज जैसे अनेक नामों से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महादेव की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धनलाभ, शांति का वास होता है. शास्त्रों में भोलेनाथ की प्रचलित पौराणिक कथाएं हैं. इन्हीं में से एक पौराणिक कथा आज हम आपको बताने जा रहे हैं. हम आपको बताएंगे कि माता सती के पिता भगवान शिव को क्यों पसंद नहीं करते थे. आइए जानते हैं. 


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कौन थे माता सती के पिता?
माता सती के पिता ब्रह्मा जी के मानस पुत्र राजा दक्ष प्रजापति थे. वह एक शक्तिशाली और प्रसिद्ध राजा माने जाते थे. राजा दक्ष भगवान विष्णु के परम भक्त थे. उनकी पत्नी का नाम आस्तनी था और उनकी 16 पुत्रियां थीं जिसमें सबसे छोटी बेटी का नाम सती था. भगवान शिव को पाने के लिए सती ने कठोर तपस्या की थी लेकिन ये बाद उनके पिता को जरा सी भी पसंद नहीं थी. 


 


भोलेनाथ को क्यों पसंद नहीं करते थे माता सती के पिता?
माता सती ने मन में भगवान शिव को अपना पति मान लिया था. भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर तपस्या करती थीं. सती ने भगवान शिव स्वयंवर में माता सती ने भगवान शिव का नाम लेते हुए पृथ्वी पर वरमाला डाल दी थी. इसके बाद भगवान शिव वहां प्रकट हुए और सती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया. लेकिन ये बात राजा दक्ष को पसंद नहीं आई थी क्योंकि उन्हें लगता था कि भगवान शिव माता सती के योग्य नहीं हैं.


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दूसरी कथा
शास्त्रों के अनुसार एक बार यज्ञ का आयोजन हुआ था जहां सभी देवी-देवताओं को आमंत्रण दिया गया था. जब वहां राजा दक्ष पहुंचे तो सभी देवी-देवताओं ने राजा का स्वागत किया. लेकिन भगवान शिव  और ब्रह्मी जी बैठे रहे, जिससे राजा का अपमान हो गया. इस बात से दक्ष प्रजापति शिव जी से नाराज हो गए और कई अपमानजनक शब्द भोलेनाथ को बोल दिए.



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)