Mahabharata Story: महाभारत के सबसे महान धनुर्धर अर्जुन का अपहरण कर लिया गया था. क्या आपको पता है कि आखिर उनका अपहरण किस नीयत से किया गया था? सबसे पहले तो आपको बता दें कि अर्जुन का अपहरण एक महिला के द्वारा किया गया था. तो क्या आपको पता है कि आखिर कौन थी वो दिलेर महिला जिसने अर्जुन जैसे वीर का भी अपहरण कर लिया.


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जानें दिलेर महिला का नाम


इस दिलेर महिला का नाम था सुभद्रा. सुभद्रा भगवान कृष्ण की बहन हैं. सुभद्रा ने कृष्ण के इशारे पर अर्जुन के साथ ऐसा किया था. दरअसल, कुछ लोग इसे कृष्ण की चाल कहते हैं तो कुछ लोग इसे अपहरण कहते हैं. यहां हम समझेंगे कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आई थी कि सुभद्रा ने वीर अर्जुन का अपहरण कर लिया था.


दाऊ की बात को काटना असंभव


दरअसल, वंशीवाले यानि कि कृष्ण चाहते थे कि सुभद्रा की शादी अर्जुन जैसे महान धनुर्धर से हो. लेकिन वही उनके बड़े भाई दाऊ जी यानि कि बलराम गदाधारी दुर्योधन से शादी करवाना चाहते थे. ऐसे में कृष्ण ने देखा कि दाऊ की बात काट पाना संभव नहीं है. क्योंकि दाऊ बड़े भाई थे और उनकी बात को काटना कृष्ण के लिए असंभव था.


लीलाधर ने अर्जुन को बताई योजना


तब लीलाधर ने सोच समझकर एक योजना बनाई. अपने इस योजना के बारे में उन्होंने अर्जुन को जानकारी दी. वंशीवाले ने अर्जुन को समझाया कि जिस वक्त तुम सुभद्रा को शादी के लिए ले जा रहे होगे उस वक्त रथ के घोड़े की लगाम तुम मत पकड़ना. उस लगाम को सुभद्रा के हाथों में दे देना. वही रथ चलाएगी.


कृष्ण की योजना पर अर्जुन ने किया काम


कृष्ण के समझाने के बाद पार्थ ने वैसै ही किया जैसा बताया गया था. जब इस बात की जानकारी दाऊ जी को मिली तो वह गुस्से में आग-बबूला होने लगे. तुरंत उन्होंने गदा उठाकर युद्ध की बात करने लगे. तभी मौके पर कृष्ण पहुंच गए. उन्होंने समझाया कि दरअसल, अर्जुन ने सुभद्रा का अपहरण नहीं किया है. बल्कि सुभद्रा ही अर्जुन को बहुत पसंद करती थी. इस कारण सुभद्रा ने शादी की नीयत से अर्जुन को अपने साथ ले गई थी.


कृष्ण की बात से सहमत नहीं हुए बलराम


बलराम जी कृष्ण की बातों से सहमत नहीं हुए. तब श्री कृष्ण ने अन्य लोगों को बुलाकर पूछा कि जब सुभद्रा और अर्जुन रथ से जा रहे थे तब रथ की डोर किसके हाथ में थी? वहां पहुंचे लोगों ने बताया कि रथ की डोर सुभद्रा के हाथों में थी और अर्जुन रथ के पीछे खड़े थे. लोगों की बात सुनते ही बलराम गुस्से से ठंडे पड़ गए. जिसके बाद दोनों ने शादी रचा ली और सुभद्रा की शादी दुर्योधन से होते होते रह गई. शादी के बाद बलराम ने दोनों को खूब आशीर्वाद भी दिया.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)