Mahalaxmi Vrat 2023: भाद्रपद शुक्‍ल अष्‍टमी से 16 दिन के महालक्ष्‍मी व्रत शुरू होते हैं जो अश्विन मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि तक चलते हैं. इस साल महालक्ष्‍मी व्रत 22 सितंबर 2023 से प्रारंभ हुए थे और आज 6 अक्टूबर 2023 को इनका समापन है. महालक्ष्‍मी के इन 16 दिन में व्रत रखकर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. हालांकि सभी व्रत ना कर पाने की स्थिति में लोग शुरुआत के या आखिरी के 3 तीन व्रत भी करते हैं. वहीं कुछ लोग केवल महालक्ष्‍मी व्रत के आखिरी दिन व्रत करते हैं. मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिहाज से इस साल के महालक्ष्‍मी व्रत का आखिरी दिन इसलिए विशेष है क्‍योंकि आज शुक्रवार का दिन भी है जो मां लक्ष्‍मी को समर्पित है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मिलेगा 16 व्रत का फल 


आज 6 अक्टूबर 2023 को महालक्ष्मी व्रत के समापन के दिन परिघ और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. ऐसे में आज विधि-विधान से किए गए पूजा-उपाय और व्रत से 16 दिन के व्रत करने जितना फल मिलेगा. आज महालक्ष्‍मी व्रत के आखिरी दिन पूजा के 2 शुभ मुहूर्त हैं. सुबह 06.09 से शुरू हुआ मुहूर्त करीब 4 घंटे बाद सुबह 10.43 तक रहेगा. वहीं निशिता काल में देवी लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने के लिए मुहूर्त रात 11.45 से मध्‍यरात्रि 12.34 बजे तक रहेगा. 


महालक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के उपाय 


- आज महालक्ष्मी व्रत के आखिरी दिन रात में हाथ में पूजा की सुपारी और चांदी का सिक्का लेकर 'ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये दूरये स्वाहा' मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके बाद उस सुपारी और सिक्का अपने पर्स में रख लें. मान्यता है ऐसा करने से कभी आर्थिक तंगी नहीं होती. बल्कि धन की आवक बढ़ती है. 


- महालक्ष्मी व्रत के दिन पूजा में गजलक्ष्मी को पलाश का एक फूल अवश्य अर्पित करें. इसके बाद इसे एकाक्षी नारियल के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रख दें. इससे मां लक्ष्मी हमेशा आपके घर में वास करेंगी. 


- आज महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन लक्ष्‍मी जी को चावल की खीर का भोग लगाएं और फिर इसे 7 कन्याओं में इसे बांट दें. इससे नौकरी और व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है. जल्‍द कामकाज में तेजी आती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)