Amavasya par kya karen kya nahi karna chahiye: हिंदू धर्म में अमावस्‍या और पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्‍व दिया गया है. मार्गशीर्ष महीना भगवान कृष्‍ण की कृपा पाने के लिए सबसे उत्‍तम माना गया है. वहीं मार्गशीर्ष महीने की अमावस्‍या पितरों की कृपा पाने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ है. इस दिन लोग स्‍नान, दान करने के अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं. साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. गरीबों को दान देते हैं. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और उन्‍हें मुक्ति मिलती है. 


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अमावस्‍या के दिन क्‍या करें 


अमावस्‍या का दिन पितरों को समर्पित है. यदि पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो अमावस्‍या का दिन बहुत अहम है. इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करें, दान करें, पितरों के निमित्‍त तर्पण और श्राद्ध करते हैं. ब्राह्मणों को भोजन कराएं. दान-पुण्‍य करें. यदि पवित्र नदी में स्‍नान ना कर सकें तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान कर लें. शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं. 


अमावस्‍या के दिन क्या ना करें


- माना जाता है कि अमावस्‍या के दिन भूत-पिशाच जैसी शक्तियां भी काफी एक्टिव रहती हैं. ऐसी नकारात्‍मक शक्तियों से बचाव के लिए जरूरी है कि अमावस्‍या की रात को श्‍मशान घाट, कब्रिस्‍तान या किसी भी सुनसान जगह पर जाने से बचें. 


- अमावस्‍या का दिन बहुत पवित्र होता है और पितरों का समर्पित है. इस दिन गलती से भी शराब ना पिएं. ना ही किसी नशीली चीज का सेवन करें. 


- अमावस्‍या के दिन नॉनवेज, लहसुन-प्‍याज जैसी किसी भी तामसिक चीजों का सेवन ना करें. 


- अमावस्‍या के दिन घर में झगड़ा ना करें. ऐसा करने से पितृ नाराज होते हैं और घर में गरीबी, दुख आते हैं. 


- अमावस्‍या के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)