Masik Shivratri 2024 May Month: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस तिथि को हर महीने मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है. हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. आज 6 मई, सोमवार को वैशाख मास की मासिक शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि और सोमवार का दिन दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं. ऐसे में सोमवार के दिन मासिक शिवरात्रि का पड़ना बेहद शुभ होता है. इस दिन व्रत-पूजा करने से सोमवार व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत दोनों का फल मिलेगा. इसके अलावा मासिक शिवरात्रि 6 मई सोमवार को प्रीति योग व आयुष्‍मान योग जैसे शुभ योगों का संयोग भी बन रहे हैं. इतने सारे शुभ योगों में मासिक शिवरात्रि मनाना बेहद शुभ फल देगा. भगवान शिव की विशेष कृपा मिलेगी. 


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मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त 


मासिक शिवरात्रि व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्‍न होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि सोमवार 6 मई को दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर होगी शुरू होगी और अगले दिन 7 मई मंगलवार को सुबह के 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि मासिक शिवरात्रि की पूजा रात को निशिता काल में करने का महत्‍व है इसलिए मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा करने का शुभ मुहूर्त 6 मई की देर रात 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक करीब पौन घंटे का ही है. 


मासिक शिवरात्रि पूजा सामग्री 


शहद, देसी घी, धतूरा, दही, फूल, बेलपत्र, रोली, चंदन, दीपक, पूजा के बर्तन, गंगाजल और साफ जल.


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि 


मासिक शिवरात्रि को सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद व्रत का संकल्‍प लें. फिर शिव जी का जलाभिषेक करके पूजा करें. पूरे दिन फलाहार पर रहें. फिर शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती की पूजा करें. इसके लिए वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा या तस्‍वीर स्थापित करें. उनका पंचामृत से अभिषेक करें. फिर शिव जी को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और मां पार्वती को सिंदूर का तिलक लगाएं. इसके बाद गाय के घी का दीपक जलाएं. बेलपत्र, सफेद फूल अर्पित करें. खीर का भोग लगाएं. इस दौरान शिव जी के मंत्रों का जाप करें. शिव चालीसा पढ़ें और फिर आखिर में आरती करें. 


शिव जी के मंत्र 


मासिक शिवरात्रि पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है. 
1. शिव मूल मंत्र- ॐ नमः शिवाय॥
2. रूद्र मंत्र- ॐ नमो भगवते रुद्राय ।
3. रूद्र गायत्री मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय, धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
4. महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)