Karva Mata ki Aarti: कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. सूर्योदय से पहले सास की दी हुई सरगी खाकर महिलाएं व्रत शुरू करती हैं और फिर पूरे दिन निर्जला रहकर शाम को चंद्रमा के दर्शन करके व्रत खोलती हैं. पति की लंबी उम्र, अखंड सौभाग्‍य और सुखी दांपत्‍य जीवन के लिए सुहागिनें यह व्रत करती हैं. जो नवविवाहिताएं पहली बार करवा चौथ व्रत कर रही हैं, वो करवा चौथ की पूजा में चौथ माता की यह आरती जरूर करें. तभी व्रत-पूजा का पूरा फल मिलेगा. 


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करवा चौथ माता की आरती 


 


ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।


जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।


सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।


यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।


कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।


दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।


ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।


जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।


होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।


गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।


ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।


जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।


करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।


व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।


ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।


जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)