श्रीकृष्‍ण चाहते तो बच जाता अभिमन्‍यु, क्‍यों जरूरी थी अर्जुन के 16 साल के बेटे की मृत्‍यु?
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श्रीकृष्‍ण चाहते तो बच जाता अभिमन्‍यु, क्‍यों जरूरी थी अर्जुन के 16 साल के बेटे की मृत्‍यु?

Abhimanyu Vadh: महाभारत के महायोद्धा अभिमन्‍यु ने महज 16 की उम्र में कौरवों का बनाया अभेद्य चक्रव्‍यूह तोड़ दिया था. भगवान श्रीकृष्‍ण को अर्जुन का पुत्र और अपना भांजा अभिमन्‍यु बेहद प्रिय था लेकिन एक वचन के कारण वे चाहकर भी उसकी मृत्‍यु टाल नहीं पाए.   

श्रीकृष्‍ण चाहते तो बच जाता अभिमन्‍यु, क्‍यों जरूरी थी अर्जुन के 16 साल के बेटे की मृत्‍यु?

Abhimanyu Mahabharat: धनुर्धर अर्जुन और भगवान कृष्‍ण की बहन सुभद्रा के बेटे अभिमन्‍यु वध की कथा सभी जानते हैं. जिसने मां की कोख में चक्रव्‍यूह भेदने की कला सीख ली थी और जब महाभारत युद्ध छिड़ा तो उसने कौरवों द्वारा बनाए गए चक्रव्‍यूह को ना केवल तोड़ा बल्कि कई योद्धाओं को अकेले ही मार गिराया. अभिमन्‍यु के युद्ध कौशल के आगे कौरव पस्‍त हो गए और फिर तब कई योद्धाओं ने निहत्‍थे और अकेले अभिमन्‍यु को घेरकर उसका वध किया. महज 16 साल की उम्र में अभिमन्‍यु वीरगति को प्राप्‍त हुआ. जिस युद्धभूमि में भगवान कृष्‍ण स्‍वयं मौजूद थे, वहां ऐसा अधर्म हुआ और वे अपने प्रिय भांजे को नहीं बचा पाए, इसके पीछे एक रहस्‍य है. 

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अभिमन्‍यु के पिता ने तय कर दी थी उम्र 

 दरअसल, अभिमन्‍यु के जन्‍म से पहले ही उसके पिता ने मृत्‍यु की उम्र तय कर दी थी. अभिमन्‍यु के ये पिता पांडव अर्जुन नहीं बल्कि चंद्रदेव थे. चंद्रदेव के पुत्र प्रेम के कारण ही अभिमन्‍यु अल्‍पायु लेकर पैदा हुए थे. दरअसल, चंद्रदेव के बेटे वर्चा ने अर्जुन के बेटे अभिमन्‍यु के रूप में जन्‍म लिया था. 

जब पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण अवतार लेने वाले थे तब सभी देवी-देवताओं ने भगवान की लीला देखने के लिए किसी ना किसी रूप में धरती पर आने का निर्णय लिया. कई देवी-देवता स्‍वयं मनुष्‍य बनकर धरती पर जन्‍मे तो कुछ ने अपने अंश या अपने पुत्रों को धरती पर भेजा. जैसा- सूर्य के बेटे कर्ण, इंद्र के बेटे अर्जुन आदि. लेकिन चंद्र देव पीछे हट रहे थे. उनसे कहा गया कि अपने पुत्र 'वर्चा' को पृथ्वी पर अवतरित होने की आज्ञा दें. लेकिन चंद्र देव अपने सुंदर पुत्र वर्चा से बहुत प्रेम करते थे और उसका वियोग नहीं सह सकते. 

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जब देवताओं ने बहुत अनुरोध किया तो पर चंद्र देव ने कहा वह अपने पुत्र को महज 16 साल के लिए धरती पर भेज सकते हैं इसके बाद वह मेरे पास लौट आएगा. चंद्रदेव का यही पुत्र अभिमन्यु था. भगवान श्रीकृष्‍ण ने उन्‍हें वचन दिया कि वे उनके बेटे को 16 साल बाद वापस उनके पास भेज देंगे. इसी के चलते अभिमन्‍यु कम उम्र में वीरगति को प्राप्‍त हुए. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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