Kaalsarp Dosh Remedies: हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र और पावन माना गया है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना गया है. इसी सावन के महीने में नागपंचमी का पर्व भी मनाया जाता है. बता दें कि भगवान शिव के गले में विराजे नाग देवता की यदि विधान से पूजा अर्चना की जाए तो व्यक्ति को कुंडली के कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां बताए गए नागपंचमी के दिन किए गए कुछ उपायों से न केवल व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है बल्कि उसे रात में लगातार आने वाले सांपों के सपनों से भी छुटकारा मिल सकता है. चलिए विस्तार में जानें कि नागपंचमी कब है और इस दिन किस विधि विधान से नाग देवता की पूजा अर्चना करना शुभ माना गया है!


Nagpanchami 2024: नागपंचमी के दिन कर लें इस मंत्र का जाप, कालसर्प दोष से मुक्ति के साथ मिलेगा बेशुमार पैसा
 


जानें कब है नागपंचमी


वैदिक पंचांग की मानें तो नाग पंचमी की शुरुआत सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की 8 अगस्त को रात 9 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगा. यह अगले दिन 9 अगस्त की रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. सूर्योदय तिथि से लिया जाए तो नागपंचमी 9 अगस्त को मनाया जाएगा.


नागपंचमी के दिन इस विधि से करें पूजा


नागपंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें. जिसके बाद गेहूं के आटे को गूंथ लें फिर इसकी पिट्ठी बना लें. इस आटे की पिट्ठी से नाग देवता की आकृति बना कर घर के द्वार के बाहर रोली सिंदूर लगाकर रख दें. इसके बाद इस पर फूल माला, दूध और लावा अर्पित करें. अब धूप अगरबत्ती दिखा कर उनकी पूजा करें. इस पूजा के बाद आसपास यदि मंदिर में नागेश्वर शिवलिंग हो तो उनकी पूजा अर्चना जरूर करें. ऐसा करने से व्यक्ति को कुंडली के कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.


Numerology: रिलेशनशिप को लेकर बहुत होशियार होती है इस मूलांक की लड़कियां, हर मोड़ पर मिलता है शनिदेव का साथ
 


नागपंचमी पर बन रहे हैं शुभ योग


बता दें कि नागपंचमी पर इस बार दो शुभ सिद्ध और साध्य योग बन रहे हैं. ऐसे में भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करने से रोग और बाधा दूर होती हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)