तिरुपति: कोरोना वायरस ने भक्‍तों के लिए मंदिरों के दरवाजे तक बंद कर दिए हैं लेकिन मंदिरों की व्‍यवस्‍थाओं संबंधी निर्णयों को ज्‍यादा समय तक नहीं टाला जा सकता है. लिहाजा मंदिर प्रबंधन करने वाले ट्रस्‍ट इसके लिए विभिन्‍न उपाय कर रहे हैं. 


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चंदे के लिहाज से दुनिया के सबसे अमीर भगवान बालाजी मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट ने कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए राष्ट्रीय लॉकडाउन के चलते "वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग" के माध्यम से बोर्ड बैठकें करने का फैसला किया है. 


इन वीडियो मीटिंग्‍स के दौरान, टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बारेड्डी और स्थानीय क्षेत्र से विशेष तौर पर आमंत्रित किए गए लोग ही तिरुमला अन्नामय्या भवन में शारीरिक रूप से शामिल होंगे, जबकि अन्य राज्यों के अन्‍य सभी बोर्ड सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल होंगे. इसके लिए टीटीडी ट्रस्‍ट की आईटी विंग सभी व्यवस्थाएं करेगा.


बता दें कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 20 मार्च से ही तीर्थयात्रियों को दर्शन के लिए रोका गया था. इसके बाद देश में लॉकडाउन लागू हो गया, तब से ही मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं.


आज की बैठक में, कई महत्वपूर्ण मुद्दे जिसमें सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय व्यय को चर्चा के लिए उठाया गया.


इतना ही नहीं बालाजी मंदिर प्रबंधन खुद को लॉकडाउन हटने के बाद की स्थिति के लिए भी तैयार कर रहा है कि उसे सावधानी बरतने के लिए क्‍या कदम उठाने चाहिए. 


इस बीच, तिरुपति तिरुपति देवस्थानम (TTD) के आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों ने आउटसोर्स सेवाओं (APCOS) के लिए आंध्र प्रदेश कॉर्पोरेशन के दायरे में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को विलय करने के कदम के विरोध में तिरुपति में अलीपुरी गरुड़ सर्कल (तिरुमाला में प्रवेश द्वार) के पास विरोध प्रदर्शन किया.


TTD के अध्यक्ष YV सुब्बारेड्डी के काफिले को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया. यूनियन नेताओं से बात करते हुए, रेड्डी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद, टीटीडी इस मुद्दे को हल करने के लिए मुख्यमंत्री के सामने ले जाएगा.