Panchak:साल 2024 का अंतिम पंचक शुरू हो गया है. पंचक के दौरान शुभ कार्यं की मनाही होती है. पंचक की अवधि के दौरान अगर कोई व्यक्ति शुभ कार्य की शुरुआत कर देता है तो उसे मनवांछित फल की प्राप्ति नहीं होती है. इसलिए मान्यता है कि पंचक के दौरान कुछ भी शुभ कार्य न करें. पंचक आज सुबह यानि कि 7 दिसंबर सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर लग चुका है. इसका अंत 11 दिसंबर को बुधवार के दिन सुबह 11 बचकरर 48 मिनट पर होगा.


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कैसे लगता है पंचक


अब लोगों के मन में सवाल उठने लगा होगा कि आखिर पंचक लगता कैसे है. तो उनके लिए हम बता रहे हैं कि जब नक्षत्रों का विशेष तरीके से मेल होता है उस अवधि को पंचक कहते हैं. पंचक के दौरान चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में रहता है. जबतक यह स्थिति रहती है उस अवधि को पंचक कहा जाता है. 


पंचक की अवधि को नहीं मानते हैं शुभ


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचक को शुभ अवधि नहीं माना जाता है. इस अवधि को अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग कहा जाता है. ज्योतिष के मुताबिक पांच नक्षत्रों के संयोग को भी पंचक कहा जाता है. इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती शामिल हैं.


दिसंबर में मात्र चार दिन शुभ


ज्योतिष की माने तो पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन को कहा जाता है. मान्यता के मुताबिक इस अवधि के दौरान उत्सव जैसे कार्यों पर रोक लगा दी जाती है. चूकि दिसंबर में 11 दिसंबर तक पंचक है और 15 तारीख से खरमास की भी शुरुआत हो जा रही है तो ऐसे में दिसंबर में कोई भी शुभ कार्यों की शुरुआत करने के लिए मात्र चार दिनों का समय है. तो ऐसे में सभी शुभ कार्यों को शुभ तिथि के मुताबिक निपटा लें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)