Papankusha Ekadashi Vrat Vidhi 2022: हिंदू धर्म में हर तिथि का विशेष महत्व है. इसमें एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है.इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. हर माह दोनों पक्षों में एकादशी का व्रत रखा जाता है.और हर एकादशी का अपना महत्व होता है. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम से जानते हैं. 


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एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे मुश्किल होता है. इस दिन व्रत रखने, विधिविधान से पूजा आदि करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार पापांकुशा एकादशी का व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा. आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी की कथा और महत्व के बारे में. 


पापांकुशा एकादशी शुभ मुहू्र्त 2022


पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 05 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से शुरू हो कर 06 अक्टूबर 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर पापांकुशा एकादशी का व्रत 06 अक्टूबर के दिन रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-उपासना और व्रत रखा जाता है. 


पापांकुशा एकादशी का महत्व


धार्मिक मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति का कल्याण होता है. जीवन में धन-दौलत, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि को समर्पित है. बता दें कि पापांकुशा एकादशी का व्रत कठोर तपस्या के समान है. इसका व्रत रखने से व्यक्ति कतो मोक्ष की प्राप्ति होती है. 


पापांकुशा एकादशी कथा


पुराणों के अनुसार विंध्याचल पर्वत में क्रोधना नामक क्रूर शिकारी रहता था. उस शिकारी ने जीवनभर  दुष्टता से भरे काम ही किए थे. शिकारी के अंतिम समय में  यमराज अपने सैनिक को उसे लाने भेजते हैं. मृत्यु से क्रोधना को बहुत डर लगता था. इसलिए वे अंगारा नामक ऋषि से मदद की गुहार करता है. उस समय ऋषि ने क्रोधना को पापांकुशा एकादशी व्रत के बारे में बताते हुए रखने को कहा. पापांकुशा एकादशी का व्रत रख उसने भगवान विष्णु की उपासना की. ऐसा करने से उसे सभी पापों से मुक्ति मिल गई. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)