Parivartini Ekadashi Vrat 2022 Shubh Muhurat: देश-दुनिया में आज श्रद्धालु परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखेंगे. मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष को भगवान विष्णु अपने शयन के दौरान करवट बदलते हैं. इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन किए जाने वाले व्रत का सभी व्रतों में खास महत्व माना जाता है. इस एकादशी को डोलग्यारस, जलझूलनी एकादशी और पदमा एकादशी जयंती भी कहा जाता है. 


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आज के दिन करवट बदलते हैं भगवान विष्णु


धर्म शास्त्रों की मानें तो भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष को 4 मास लिए योग मुद्रा में चले जाते हैं. वे भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अपनी करवट बदलते हैं. लिहाजा इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने को बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और परिवार पर अपनी कृपा बरसाती हैं. 


बन रहे हैं 4 तरह के शुभ संयोग


इस बार परिवर्तिनी एकादशी पर 4 तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन सूर्य, बुध, बृहस्पति और शनि ग्रह अपनी राशियों में रहेंगे. इसके चलते आज कई राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है. आज सुबह 06:08 मिनट से लेकर शाम 06:09 मिनट तक रवि योग रहेगा. जबकि 5 सितंबर को सुबह 11:28 बजे से शुरू हुआ आयुष्मान योग आज सुबह 08:16 बजे तक लागू रहेगा. 


वहीं 7 सितंबर को सुबह 03:04 बजे से लेकर सुबह 06:09 बजे तक त्रिपुष्कर योग रहेगा. जबकि 6 सितंबर को सुबह 08:16 बजे से लेकर 7 सितंबर को सुबह 04:50 बजे तक सौभाग्य लागू रहेगा. 


इन शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं पूजा


अगर परिवर्तिनी एकादशी 2022 के शुभ मुहूर्त (Parivartini Ekadashi 2022 muhurat) की बात की जाए तो वह आज सुबह 05.54 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर को सुबह 03.04 तक रहेगा. इसका ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 04:37 से लेकर सुबह 05:23 बजे तक रहेगा. इसका अभिजित मुहूर्त आज दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा. वहीं गोधूलि मुहूर्त आज शाम 06:29 बजे से लेकर शाम 06:53 बजे तक रहेगा. 


परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि (Parivartini Ekadashi Puja Vidhi)


आज आप प्रात: काल में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद आप मन ही मन भगवान विष्णु का स्मरण कर व्रत शुरू करें. इसके बाद घर के मंदिर में पीला कपड़ा बिछाकर वहां पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की तस्वीर की स्थापना करें. अगर कहीं से वामन अवतार की तस्वीर न मिले तो आप भगवान विष्णु की तस्वीर की भी स्थापना कर सकते हैं. इसके बाद आप भगवान विष्णु और उनके वामन अवतार की पूजा कर उन्हें स्मरण करें. 


भगवान विष्णु का जाप करते रहें


इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा से पहले उनके शंख पर पंचामृत, जल और दूध का अभिषेक करें. जब आप भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हों तो ऊं नारायणाय विद्महे, वासेदवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात मंत्र का लगातार जाप करते रहें. ये मंत्र सभी मनोरथ को पूर्ण कर देता है. 


इस दौरान भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए. यह पाठ करने के बाद आप भगवान वामन या भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें. फिर आप भगवान श्रीहरि को तुलसी, पीले रंग के व्यंजन, पीला चंदन और पीले फूल भोग लगाने के लिए अर्पित करें. पूजा करने के बाद परिवार के साथ भगवान विष्णु की आरती करें और गायों को भोजन कराएं. 


भगवान हनुमान की पूजा करना न भूलें


चूंकि आज मंगलवार है, इसलिए भगवान विष्णु की पूजा के बाद भगवान हनुमान की पूजा करना भी न भूलें. अगले दिन यानी बुधवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त को इस व्रत का पारण करें. इसके साथ ही आज पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-समृद्धि की आवक बढ़ती है. 



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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