Parivartini Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बतया गया है. इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त पूजा-अर्चना करने का विधान है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार परिवर्तिनी एकादशी 14 सितंबर के दिन मानई जा रही है. परिवर्तिनी एकादशी का महत्व इसलिए भी अधिक बताया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी निंद्रा में करवट बदलते हैं. परिवर्तिनी एकादशी के दिन अगर आप भी व्रत रख रही हैं, तो इस दिन ये व्रत कथा अवश्य पढ़ें-सुनें. तभी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा.   


Surya Gochar 2024: 16 सितंबर से कठिनाईयों भरे बितेंगे आने वाले 30 दिन, जीवन में भूचाल ले आएगा सूर्य गोचर
 


परिवर्तिनी एकादशी व्रत नियम 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपने भी परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा है, तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करेक साफ वस्त्र धारण करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष तुलसी और अन्य पुष्प चढ़ाते हैं. विधुपूर्वक पूजा-पाठ और आरती करें. दिनभर भगवान विष्णु के भदन आदि गाएं. इस दिन विशेष रूप स आहार का पालन किया जाता है. इस दिन आलू, साबुदाना, शकरकंदी, आदि का सेवन किया जा सकता है. 


Surya Gochar 2024: 16 सितंबर से कठिनाईयों भरे बितेंगे आने वाले 30 दिन, जीवन में भूचाल ले आएगा सूर्य गोचर
 


परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा


कथाओं में बताया गया है कि पूर्वकाल में एक राजा हरिश्चंद्र थे, वह अपनी प्रजा के प्रति बहुत दयालु और न्यायप्रिय थे. लेकिन उमके जीवन में एक समय ऐसा आया जब वह अपनी संपत्ति और साम्राज्य को खो बैठे. वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ नगर से बाहर चले गया और श्मशान में चंडाल बन गए. एक दिन, वह सागर के किनारे पहुंचे, जहां उन्होंने महर्षि गौतम से भिक्षा लेने का प्रयास किया. 


राजा की परेशानी जानकर महर्षि गौतम ने उन्हें परिवर्तिनी एकादशी के व्रत के बारे में बताया. राजा हरिश्चंद्र ने परिवर्तिनी एकादशी का व्रत ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से किया. इसके बाद उनकी समस्याएं कम होती चली गईं और अंत में उन्होंने अपनी संपत्ति और सम्मान वापस प्राप्त कर लिया.


Lakshmi Narayan Yog: नौकरी में प्रमोशन दिलाएगा इन दो 'शुभ ग्रहों का मिलन', धनलाभ के बन रहे हैं प्रबल योग
 


व्रत का फल
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने वाले साधकों को जीवन की सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है, घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है और जीवन के कष्ट और दुख दूर होते हैं. इस व्रत को विधि पूर्वक करने वाले लोग मोक्ष की प्राप्ति करता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)