Paush Amavasya 2024: यदि किसी व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ रहा है तो पौष माह में इसे दूर करने का शुभ अवसर आ गया है. दरअसल पौष माह पितरों को समर्पित माह के रूप में जाना जाता है. इसलिए इसे छोटा श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं. पौष माह में इस साल की पहली अमावस्या होगी, जिस दौरान पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है. आइए विस्तार में जानते हैं कि पौष माह की अमावस्या का शुभ मुहूर्त कब है और इसकी पूजा विधि क्या है!


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जानें पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त


पौष माह की अमावस्या तिथि 10 जनवरी को रात में 8 बज कर 10 मिनट में शुरू होगी. जिसका समापन अगले दिन 11 जनवरी को शाम के समय 5 बजकर 26 मिनट पर होगा. ऐसे में पौष अमावस्या 11 जनवरी गुरुवार के दिन मनाया जाएगा.


पौष अमावस्या के दिन करें ये काम


इस दिन पूर्वजों के नाम से तर्पण, पिंडान, पवित्र नदी में स्नान, दान और उन्हें अर्घ्य दें. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.


पौष अमावस्या की पूजा विधि


पौष अमावस्या के दिन सूर्य देवता को स्नान करने के बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें लाल रंग के फूल के साथ काले तिल को डालकर अर्घ्य दें. ध्यान रखें कि अर्घ्य देते समय अपने अपने पितरों को मन में नाम जरूर लें. ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.


पौष अमावस्या में मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद


इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा कर के जल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से पूर्वज आशीर्वाद देते हैं. हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है. वहीं इस दिन अपनी इच्छानुसार जरूरतमंदों को चावल, दूध, गर्म कपड़े और उन्हें भर पेट भोजन जरूर कराएं. ऐसा करने से पूर्वजों की कृपा दृष्टि बनी रहती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)