Surya Puja In Paush Month 2022: शास्त्रों के अनुसार हर दिन, हर माह किसी न किसी देवता की पूजा के लिए खास माना जाता है. जैसे कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु और तुलसी मां की पूजा का महत्व है. उसी प्रकार मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. मार्गशीर्ष माह के बाद पौष माह की शुरुआत होती है और इस माह में सूर्य देव की पूजा की जाती है. कहते हैं कि नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है. 


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हिंदू शास्त्रों के अनुसार पौष माह में नियमपूर्वक सूर्य देव की पूजा करने से समाज में मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है. इसलिए इस माह में सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दे उनकी पूजा करने के विधान है. आइए जानते हैं सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि और मंत्र जाप के बारे में. 


यूं करें सूर्य देव की पूजा 


सुबह समय से उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद सूर्य देव के दर्शन करें और उन्हें जल अर्पित करें. सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें सिंदूर, अक्षत, लाल फूल आदि डाल लें. अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका जल पैरों पर व पड़े. इसके लिए पैरों के नीचे बर्तन या गमला आदि रख सकते हैं. अर्घ्य देते समय मंत्र का उच्चारण करते रहें. इतना ही नहीं, सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि अर्घ्य देते समय अंगूठा और तर्जनी उंगली आपस में न मिले. साथ ही, पानी को भी स्पर्श न करें. 


सूर्य देव को कितनी बार दें जल 


शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तीन बार जल अर्पित करना चाहिए. पहली बार अर्घ्य देते समय जल अर्पित करके परिक्रमा करें. इसके बाद फिर से जल अर्पित करें और फिर परिक्रमा करें और आखिर में फिर से जल दें और परिक्रमा करें. कुल मिलाकर 3 बार जल अर्पित करना है और 3 बार परिक्रमा करनी है. 


करें सूर्य देव के मंत्रों का जाप


ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा


ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर


ऊं ब्रह्म स्वरुपिणे सूर्य नारायणे नमः


सूर्य देव के इन 12 नाम का करें उच्चारण 


1. ॐ आदित्याय नम:
2. ॐ सावित्रे नम:
3. ॐ अर्काय नम:
4. ॐ भास्कराय नम:
5. ॐ सूर्याय नम:
6. ॐ मित्राय नम:
7. ॐ रवये नम:
8. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
9. ॐ मारीचाय नम:
10. ॐ भानवे नम:
11. ॐ खगाय नम:
12. ॐ पूष्णे नम:


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)