बीमारियां दूर कर आपकी उम्र बढ़ाता है Mahamrityunjaya Mantra, जानें किस समय करें ये जाप और सही नियम क्या है
Mahamrityunjaya Mantra Benefits: भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र. इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और बड़े से बड़ा रोग भी ठीक हो जाता है.
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
देवों के देव महादेव का सबसे शक्तिशाली मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र. इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. साथ ही मंत्र के जाप से बड़ा से बड़ा रोग भी ठीक हो जाता है और जीवन की कई समस्याएं और बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. इस मंत्र के जाप से आप अपनी या फिर जिसके लिए भी आप ये जाप कर रहे हों उसकी उम्र बढ़ा सकते हैं. आगे जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे.
बीमारियों से बचाता है यह मंत्र
इन दिनों आस पास कोरोना जैसी बेहद खतरनाक बीमारी मौजूद है. ऐसे में खुद को और अपने परिवार के सभी सदस्यों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए आप रोजाना स्नान करने के बाद इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. अगर आपको किसी तरह की कोई बीमारी हो तो सुबह स्नान के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करने से सभी तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं.
अकाल मृत्यु से बचाता है ये मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का महामंत्र है और इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु से बचने में मदद मिल सकती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गंभीर बीमारी, दुर्घटना या अकाल मृत्यु का योग हो तो इस मंत्र के जाप से उस योग को टाला जा सकता है.
डर को दूर कर मन को शांत करता है
अगर आपके मन में भी किसी बात या किसी चीज को लेकर कोई डर है तो महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) का जाप अवश्य करें. रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और सभी तरह के डर दूर हो जाते हैं.
महामृत्युंजय मंत्र जाप से जुड़े नियम
-महामृत्युंजय मंत्र का जाप सोमवार के दिन या फिर प्रदोष के दिन करना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही दिन भगवान शिव के हैं और इस दिन मंत्र जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.
-जाप करते समय रुद्राक्ष की माला से ही जाप करें क्योंकि संख्याहीन जाप का फल प्राप्त नहीं होता है.
-इस मंत्र का जाप करते समय शिवजी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्युंजय यंत्र को अपने पास अवश्य रखें.
-जाप के समय उबासी न लें, आलस्य न करें और जाप के समय मन को इधर-उधर न भटकाएं.
-मंत्र जाप के दौरान बीच में किसी से बात न करें.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)