Holi 2023: जानें होली और होलिका का सच, इसलिए दहन के समय अर्पित करते हैं नया अनाज
Holika Dahan 2023: साल 2023 के दूसरे महीने यानी कि फरवरी का महीना अंतिम चरण में है. मार्च का महीना शुरू होने वाला है. इस महीने लोगों को जिस त्योहार का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, वह है होली. इस बार 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 8 मार्च को लोग रंगों से सरोबार होकर होली खेलेंगे. आपने देखा होगा कि लोग होलिका दहन के समय अग्नि में नए अनाज की बालियां या पौधे अर्पित करते हैं. आइए जानते हैं, क्या है इसके पीछे का सच.
होली का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व के कई वैज्ञानिक महत्व भी हैं. हालांकि, अंधविश्वास के चलते कई लोग इससे अनजान हैं. ऐसे में आज आपको बताते हैं होलिका दहन का सच.
होलिका दहन होली से एक दिन पहले किया जाता है. इस दिन लोग भक्त प्रह्लाद के बचने की खुशी में मनाते हैं. होलिका दहन में लोग नये अनाज अग्नि में अर्पित करते हैं. आपको बता दें कि अनाज के ऊपरी परत को होलिका बोला जाता है.
ऐसी मान्यता है कि जब होलिका दहन के लिए अग्नि प्रज्जवलित की जाती है तो आग में अनाज का ऊपरी परत जल जाता है और भक्त प्रह्लाद बच जाते हैं, इसलिए होलिका दहन के दिन अग्नि देव को नई फसल अर्पित करते हैं.
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है. ऐसे में इस दिन सफेद चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सफेद वस्तुओं से नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती हैं. ऐसे में इस दिन सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही से परहेज करें.
होलिका दहन के लिए झाड़ियां या सूखी लकड़ियां जलाई जाती हैं. ऐसे में इस दिन गूलर या अंरड के पेड़ की लकडियों का अग्नि के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, आम, वट और पीपल की लकड़ी नहीं जलानी चाहिए. इन्हें जलाना वर्जित माना जाता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)