Panchmukhi Mahadev Temple: भगवान शिव का चमत्कारी मंदिर, यहां पूरी होती है हर मन्नत

पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है. पंचमुखी महादेव मंदिर में मुखलिंग मौजूद है. आकृति वाले शिवलिंग को मुखलिंग के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह मुखलिंग लगभग 2000 वर्ष पुराना है.

विशाल पाण्डेय Dec 11, 2020, 09:54 AM IST
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2 हजार वर्ष पुराना है पंचमुखी महादेव मंदिर

पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है. पंचमुखी महादेव मंदिर में मुखलिंग मौजूद है. आकृति वाले शिवलिंग को मुखलिंग के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह मुखलिंग लगभग 2000 वर्ष पुराना है. मौजूदा महादेव मंदिर पुरानी छोटी लखौरी ईटों का बना हुआ है, ये लगभग 250 वर्ष पुराना है.

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पंचमुखी महादेव मंदिर में होती है भगवान शिव के तीन स्वरूपों की पूजा

भगवान शिव और भगवान विष्णु एक ही हैं, पुराणों में बार-बार इस बात का उल्लेख मिलता है. भगवान शिव और प्रभु श्रीराम का संबंध गहरा है. भगवान श्रीराम कहते हैं कि जो शिव की भक्ति नहीं करता वो मेरा भक्त नहीं हो सकता. पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) में भगवान शिव के तीन स्वरूपों उपासना की जाती है. भगवान शिव ही ऐसे आराध्य हैं जिनकी उपासना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पंचमुख सृष्टि की रचना के पांच तत्व अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल का प्रतीक है. भगवान शिव असाधरण स्वरूप हैं, जिनके जीवन से उपदेश व्यक्त होते हैं. पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) के शिवलिंग में पांच मुख हैं, जो पंचास्य उपासना के पांच नामों को अभिव्यक्त करते हैं.

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पंचमुखी महादेव मंदिर खुलने का समय

पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) में भगवान शिव का सरयू नदी के जल से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद दूध से अभिषेक किया जाता है. शिवलिंग का अलग-अलग द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है. सुबह 3 बजे से जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. फिर दोपहर 12 बजे भोग लगाया जाता है. शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है.

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पंचमुखी महादेव मंदिर में सावन में पहुंचते हैं लाखों भक्त

पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) में हर सोमवार की शाम को भगवान शिव का विशेष श्रृंगार होता है. सावन के चारों सोमवार को भगवान शिव की अलग-अलग छवियों का श्रृंगार होता है. सावन में और शिवरात्रि पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. शिवरात्रि यहां का मुख्य पर्व है. पुरूषोत्तम मास में भी यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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कैसे पहुंचे अयोध्या के पंचमुखी महादेव मंदिर

पंचमुखी महादेव मंदिर (Panchmukhi Mahadev Temple) वायु मार्ग से जाना चाहते हैं तो अयोध्या से सबसे नजदीक हवाई अड्डा लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी एयरपोर्ट से भी यहां पंहुच सकते हैं. हवाई अड्डे से टैक्सी सेवा उपलब्ध है. वहीं रेल मार्ग से फैजाबाद और अयोध्या रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हैं. इसके अलावा सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध है. लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी से बस सेवा उपलब्ध है. (फोटो साभार: फेसबुक)

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