Somvati Amavasya 2020: 14 December को है सोमवती अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2020) 14 दिसंबर यानी सोमवार को है. इस दिन लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करते हैं तो सुहागनें पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर की रात 9 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. इस अमावस्या पर पूजा-अर्चना करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और पति को लंबी उम्र मिलती है.
सोमवती अमावस्या के व्रत का महत्व
सोमवती अमावस्या का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं. साथ ही पीपल के पेड़ के चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करती हैं और भगवान शिव से पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं.
सोमवती अमावस्या की कथा
सोमवती अमावस्या को लेकर यह कथा प्रचलित है. एक गरीब ब्राह्मण परिवार की कन्या का विवाह नहीं हो रहा था. इस बात से पूरा परिवार बहुत परेशान था. एक दिन ब्राह्मण के घर कुछ साधु आए और कन्या की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए. परिवार ने अपना दुख साधुओं को बताया. साधुओं ने कहा कि पास के ही गांव में सोना धोबिन रहती है अगर इस कन्या ने उस धोबिन को प्रसन्न करके उसका सुहाग मांग लिया तो विवाह संभव है. कन्या ने सोना धोबिन की खूब सेवा की. अगले दिन सोमवती अमावस्या थी. सोना धोबिन को यह बात पता थी कि अगर वह अपना सुहाग देती है तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी. लेकिन सोना धोबिन ने इस बात की परवाह किए बगैर अपनी मांग का सिंदूर ब्राह्मण कन्या की मांग में लगा दिया. उसके बाद सोना धोबिन के पति की मृत्यु हो गई. पति की मृत्यु से दुखी सोना धोबिन ने पूरे विधि-विधान के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की तथा 108 बार पेड़ की परिक्रमा की. जिसके बाद उसका पति जीवित हो गया. तभी से सुहागिन सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी उम्र के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं.