Bhishma Vachan: दुर्योधन (Duryodhana) से शतरंज में हारने के बाद अज्ञातवास काट रहे पांडवों को खोजने के लिए धृतराष्ट्र की ओर से सभा बुलाई गई थी. उस सभा में बोलते हुए  पितामह भीष्म (Pitamah Bhishma) ने दुर्योधन से कहा कि तुम्हारे जासूस तो पांडवों को खोज नहीं सके, अब मैं कुछ कहता हूं उसे ध्यान से सुनो. युधिष्ठिर जिस नीति पर चल रहे हैं, उसे किसी भी तरह अनीति नहीं कहा जा सकता है. 


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पितामह भीष्म ने बताई युधिष्ठिर की विशेषताएं


पितामह भीष्म (Pitamah Bhishma) ने कहा, 'राजा युधिष्ठिर (Yudhishthira) ऐसे व्यक्ति हैं कि वह जिस राज्य में भी होंगे वहां की जनता भी दानशील, प्रिय बोलने वाली, इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाली और लज्जा वाली होगी. जिस नगर में वह अपने भाईयों के साथ रहते होंगे, वहां के लोग प्रिय एवं सत्य वचन बोलने वाले, संयमी, हृष्ट पुष्ट, पवित्र और कार्यकुशल होंगे. इतना ही नहीं जहां पर निवास कर रहे होंगे, निश्चित रूप से वहां के लोग धर्म के तत्पर होंगे और साथ ही ईर्ष्यालु, अभिमानी और मक्कार प्रवृत्ति के नहीं होंगे.' 


'जहां युधिष्ठिर वहीं यज्ञ और वेद ध्वनि'


भीष्म पितामह (Pitamah Bhishma) ने युधिष्ठिर (Yudhishthira) के अज्ञातवास में छिपकर रहने के स्थान की विशेषता बताते हुए कहा कि उस स्थान पर नित्य ही यज्ञ होते होंगे और हर समय वेद ध्वनियों की गूंज सुनाई पड़ती होगी. वहां पर बादल निश्चित ही आवश्यकता के अनुरूप वर्षा करते होंगे. वहां की भूमि धन धान्य से पूर्ण तथा किसी भी प्रकार के आतंक से मुक्त होगी. वहां पर सबको आनंदित करने वाली हवा बहती होगी और पाखंड से दूर धर्म का पालन करने वाले लोग होंगे. उस स्थान पर निश्चित रूप से शरीर से मजबूत खूब दूध देने वाली गौवें होंगी और घी, दूध दही आदि की कोई कमी नहीं होगी, यह दूध तथा घी आदि बहुत ही स्वादिष्ट, पौष्टिक तथा गुणकारी होगा. 


'युधिष्ठिर को साधारण मनुष्य तो क्या ब्राह्मण भी नहीं पहचान सकते'


भीष्म (Pitamah Bhishma) ने कहा कि राजा युधिष्ठिर (Yudhishthira) को साधारण मनुष्य तो क्या ब्राह्मण भी नहीं पहचान सकते हैं. वह अत्यंत धर्मनिष्ठ हैं. उनमें सत्य, धैर्य, दान, शांति, क्षमा, लज्जा, श्री कीर्ति, तेज, दयालुता और सरलता निरंतर निवास करती है. पितामह ने दुर्योधन से कहा कि यदि तुम युधिष्ठिर की खोज करना ही चाहते हो तो तुम्हें उन स्थानों पर खोज करनी चाहिए जहां पर ऐसे लक्षण पाए जाएं. निश्चित रूप से पांडव गुप्त तरीके से ऐसे ही स्थान पर रहते होंगे. तुम ऐसे स्थानों पर खोज करो और पांडवों के बारे इसके अलावा कुछ और नहीं कह सकता हूं. उन्होने दुर्योधन (Duryodhana) से कहा कि यदि तुम्हें मेरे कहने पर विश्वास है तो इस पर विचारकर जो उचित समझो करो.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)