Pitru Paksha Niyam: पितृ पक्ष, हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों की श्रद्धा के लिए मनाया जाने वाला एक धार्मिक समय है. इस अवधि में, विशेष तरीके से पितृओं के प्रति समर्पण और उन्हें संतुष्ट करने के लिए कई प्रथाएं अनुसरण की जाती हैं. इसका आयोजन हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर 15 दिनों तक होता है. 2023 में यह पर्व 29 सितंबर, आज से शुरू हो रहा है. पितृपक्ष में लोग अपने पितरों की शांति की कामना करते हैं, और उन्हें मोक्ष प्राप्त कराने के लिए श्राद्ध कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इस अवसर पर जो भोजन तैयार किया जाता है, उसका एक हिस्सा पांच विशेष जीवों के लिए निकाला जाता है. इन पांच जीवों के साथ हिंदू धर्म के पंचतत्व का संबंध जोड़ा गया है. 


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गाय
गाय को हिंदू धर्म में मातृत्व की प्रतीक रूप में माना जाता है. इसे पंचतत्व में पृथ्वी के तत्व से मेल खाते हुए देखा गया है. इसलिए श्राद्ध में गाय को भोजन का अंश दिया जाता है. शास्त्रों में मान्याता है कि गाय को खिलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.


कौआ
कौए को वायु तत्व का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक क मान्यता है कि जब कौआ श्राद्ध के भोजन का अंश खाता है, तो पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है


कुत्ता
कुत्तों को जल तत्व और धर्मरक्षक प्रतीक माना जाता है. जल, जीवन का अहम हिस्सा है, इसकिए कुत्ते को भोजन का अंश देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और इससें पूर्वजों की रक्षा की भावना भी व्यक्त होती है.


देवता
देवताओं को आकाश तत्व से जुड़ा गया है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध में भोजन का पहला हिस्सा समर्पित किया जाता है. 


चींटी
इस छोटी सी जीव को अग्नि तत्व से संबंधित माना जाता है. चींटियों को भोजन का अंश देने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)