Pitru Paksha Tridosh: पितृ पक्ष वह समय है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. यह 29 सितंबर से आरंभ हो रहा है. पितृ पक्ष  पितरों को समर्पित होता है. इस अवधि में, कुछ वस्तुएं खरीदना मना है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है. इस समय में अधिकांश लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उन्हें तृप्त करने के लिए विभिन्न विधियां अपनाते हैं. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में व्यक्ति को तीन विशेष वस्तुएं - सरसों का तेल, नमक और झाड़ू, भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए. 


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सरसों का तेल
सरसों का तेल को शनि ग्रह का प्रतीक माना जाता है और यह तीक्ष्ण होता है. इसका मतलब है कि इसे पितृ पक्ष में खरीदने से शनि के अशुभ प्रभाव पड़ता है, ऐसे करने से संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है.


झाड़ू
धार्मिक मान्यता के अनुसार, झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक है. पितृ पक्ष में झाड़ू खरीदने से धन की हानि हो सकती है, क्योंकि इस समय को शुभ नहीं माना जाता है.


नमक
नमक भी तीक्ष्ण वस्तु माना जाता है, इसलिए इसे भी पितृ पक्ष में खरीदना नहीं चाहिए.


दान करने से नहीं है वर्जित 
हालांकि, इन वस्तुओं को अपने उपयोग के लिए नहीं खरीदना चाहिए, अगर आप पितृ पक्ष में पितरों को अर्पित करने के बाद दान के लिए सरसों का तेल या नमक खरीदना चाहते हैं, तो उस पर कोई पाबंदी नहीं है. 


त्रिदोष
इस समय में खरीदी गई अशुभ वस्तुएं 'त्रिदोष' पैदा कर सकती हैं जिससे अकाल मृत्यु, रोग मृत्यु और अपमृत्यु जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. अकाल मृत्यु, जिस व्यक्ति की हत्या के दी जाती है, उसका अकाल मृत्यु होता है, जिनकी मृत्यु किसी रोग के वजह से हो जाति है उसे रोग मृत्यु कहते है और जब किस दुर्घटना से किसी की मृत्यु होती है तो उसे अपमृत्यु कहा जाता है. इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पितृ पक्ष के दौरान यह वस्त्रुएं न खरीदें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)