Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज में अगले साल कब से कब तक लगेगा महाकुंभ? जानें शाही स्नान की तिथियों समेत पूरी जानकारी
Prayagraj Mahakumbh 2025 Starting Date: प्रयागराज में अगले साल महाकुंभ मेला लगने जा रहा है. दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में करीब 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है.
Prayagraj Mahakumbh 2025 Shahi Snan Dates: यूपी के प्रयागराज में 12 साल बाद होने जा रहे महाकुंभ के आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर जारी हैं. इस बार कुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है, जिसे देखते हुए सुविधाओं के इंतजाम भी उसी स्तर के किए जा रहे हैं. इस बार महाकुंभ मेला पौष पूर्णिमा से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलेगा.
भव्य और विराट महाकुंभ
प्रयागराज में इससे पहले 2013 में महाकुंभ हुआ था, जिसमें करीब 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रतिभागिता की थी. इसके 6 साल बाद प्रयागराज में कुंभ मेला लगा. लेकिन इस बार लगने जा रहा महाकुंभ मेला उससे भी कहीं ज्यादा दिव्य और विराट होने वाला है. स्वयं पीएम मोदी और सीएम योगी इस महाकुंभ की तैयारियों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं.
2600 करोड़ का बजट जारी
योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों को विश्व स्तर का बनाने के लिए 2600 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है. इस बजट से नए निर्माण, मरम्मत, भीड़ प्रबंधन, यातायात और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के रहने के साधन, पंटून पुल, परिवहन समेत कई चीजों का भी इंतजाम होगा.
कब से कब तक चलेगा प्रयागराज महाकुंभ?
इस बार प्रयागराज महाकुंभ पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा. जबकि समापन महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी को होगा. इस बार के महाकुंभ में शाही स्नान की 6 तिथियां होंगी, जिसमें साधु-संतों के अखाड़े स्नान करें. उस अवधि में महाकुंभ में ज्यादा भीड़ उमड़ती है.
महाकुंभ 2025 के प्रमुख शाही स्नान
13 जनवरी - महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होगा. इस दिन पौष पूर्णिमा होगी.
14 जनवरी- इस दिन मकर संक्रांति होगी. जिसमें दूसरा भव्य शाही स्नान किया जाएगा.
29 जनवरी - इस दिन मौनी अमावस्या होगी. इस दिन शाही स्नान के साथ ही दान भी होगा.
3 फरवरी- माघ महीने में इस दिन बसंत पंचमी होगी, जिसमें चौथा प्रमुख शाही स्नान किया जाएगा.
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा में इस दिन पांचवा बड़ा स्नान रहेगा.
26 फरवरी - इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व होगा, जिसमें आखिरी शाही स्नान होगा. इसके बाद मेला धीरे-धीरे समापन की ओर चल पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)