Premananad Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के विचार आजकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. व्यक्ति को जीवन में सही राह पर चलने के लिए प्रेमानंद महाराज के ये विटार उन्हें खूब प्रेरित करते हैं. हाल ही में उनके एक सत्संग के दौरान व्यक्ति ने पूछा कि व्यक्ति का कर्म उसे कैसे नरक की ओर धकेल सकता है! साधक की इस बात का जवाब देते हुए अपने शुभ और प्रेरणादायक विचार सबके सामने रखे. आइए विस्तार में इस बात को समझते हैं कि कैसे किसी व्यक्ति के कर्म उसे नरक में धकेल सकता है!


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केवल पूजा पाठ करना ही सही कर्म नहीं


प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति अगर थोड़ी देर पूजा पाठ कर के आरती करता है फिर थोड़ी देर बाद दूसरों के साथ छल, कपट, गंदी भावनाएं, गंदे आचरण करता है तो यह सही नहीं है.


 



 


दिखावे की पूजा मानो राख में किया गया हवन


प्रेमानंद जी महाराज ने उदाहरण द्वारा समझाते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत में भगवान कपिल देव जी महाराज माता देवहुति से कहते हैं कि ऐसे पुरुषों द्वारा की हुई मेरी पूजा कोई फल नहीं देगी. यह तो ऐसी है जैसे मानो राख में किया गया हवन है. ऐसा इसलिए क्योंकि अग्नि ही नहीं तो तुम्हारे हवन का कोई महत्व ही नहीं रहा.


व्यक्ति की ऐसी पूजा केवल नरक पहुंचाती है


प्रेमानंद जी महाराज ने आगे कहा कि व्यक्ति घर में तो आरती, पूजा श्रृंगार कर के आता है. वहीं दूसरी तरफ वही व्यक्ति बाहर लोगों के साथ छल, कपट, हिंसा, द्वेष, व्यभिचार, गंदी भावनाएं मन में रखता है. ऐसी पूजा किस काम की. इतना ही नहीं, पूजा भी तुम्हें रोकने में असफल साबित होगी. ऐसे कर्म तुम्हें केवल और केवल नरक पहुंचाएंगे. इसलिए तस्मात् शास्त्रं प्रमाणं ते कार्याकार्यव्यवस्थितौ, किसी को दुख पहुंचे ऐसे काम नहीं करना चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)