Premanad Ji Viral Video: प्रेमानंद जी महाराज के सूविचार आजकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. जो लोगों के जीवन में पद प्रदर्शक का काम कर रही हैं. हाल ही में उनके एक सत्संग के दौरान जब एक व्यक्ति ने यह सवाल किया कि गुरुदेव भगवान आपने कांतिक में बताया था कि हम अगर चाहे तो नाम जप कर के अपने पितृ को भी दे सकते हैं. जिससे कि वो कहीं भी हो उन्हें कोई परेशानी ना हो और ना बाधा आए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भक्त ने आगे यह कहा कि मुझे ये पूछना है कि नाम जप का दान कैसे करें और क्या पितृ के अलावा हम अपने जीवित रिश्तों को भी अपने नाम जप का फल दे सकते हैं! आइए विस्तार में प्रेमानंद जी द्वारा इस सवाल का जवाब जानें.


Ram Navami 2024: रामनवमी पर बन रहे ये दुर्लभ योग इन 5 राशि वालों के लिए हैं बेहद शुभ, मिल सकता है पद-पैसा, प्यार
 


केवल श्री कृष्ण को ही अर्पित कर दें नाम का जाप


प्रेमानंद जी महाराज ने भक्त के इस प्रश्न पर क्या हम अपना नाम जप अपने रिश्तेदारों को दे सकते हैं इस पर जवाब देते हुए बताया कि अगर आप हमारी प्रार्थना को समझ पा रहे हैं तो सब बात समझ में आ जाएगी. जैसे हम मूल में जल चढ़ा देते हैं तो वो पूरे पेड़ में, टहनी में, पत्तों में सभी जगह पहुंच जाता है. अगर हम श्री कृष्ण चंद्र जी को अपना भजन अर्पित कर दें तो वो जहां चाहो वहां अलग अलग जगह पहुंच जाता है. 


 



 


Number 9 Importance: नवरात्रि और नंबर 9 का क्या है कनेक्शन, इस मूलांक के लोग पाते हैं माता रानी की विशेष कृपा
 


हम ऐसा तो नहीं करते कि पत्ते में अलग डाले और फूलों में अलग डाले. भगवान ने गीता के पन्द्रहवें अध्याय में कहा है कि मूल कौन है मैं हूं. मैं ही सबका मूल हूं इसलिए भगवान को अर्पित करने का मतलब है सभी का जैसे पितृ का, अन्य रिश्तों का और संपूर्ण जगत का सभी का मंगल हो जाएगा. सभी का मंगल हो गया तो समझ लो आपका खुद ही मंगल हो ही गया. तो भगवान को अर्पित कर दो तो काहे को अलग अलग अर्पित करने की सोच रहे हो. एक जगह दे दो सभी को पहुंच जाएगा.


भगवान को नाम अर्पित करने से होता है सभी का मंगल


प्रेमानंद जी ने आगे एक उदाहरण के तौर पर समझाया कि जैसे हमने पांच माला की हैं. पांच माला कर के प्रणाम किया और कहा है श्री कृष्ण, है प्रभु ये पांच माला आपके नाम की आपको अर्पित करते हैं. आप प्रसन्न हो जाएं और नाथ हमारी इच्छा है कि हमारे पितृ या हमारे अमुख इन सभी का मंगल हो जाए. तो इससे क्या होगा कि या तो आपकी भक्ति बनेगी और भगवान की भक्ति करने वाले कि 21 पीढ़ियां तर जाती हैं. इसलिए भगवान को नाम जप अर्पित कर दीजिए अपने आप ही सभी का मंगल हो जाएगा.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)