Premanand Maharaj Ji: वृंदावन के मशहूर कथावाचक प्रेमानंद महाराज के पूरे देश-दुनिया में कई भक्त हैं. महाराज जी अपने विचारों से भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं. इनके सत्संग में शामिल होने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं. सोशल मीडिया पर भी सत्संग के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं जो लोगों द्वारा काफी पसंद किए जाते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों लोग फॉलो भी करते हैं. तमाम बड़ी हस्तियां भी सत्संग में शामिल होने कई बार पहुंच चुकी हैं.


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भक्त ने पूछा सवाल
सत्संग में भक्तगण अपनी कई समस्याएं लेकर आते हैं. इन समस्याओं का हल महाराज जी बहुत आसानी से और उदाहरण सहीत बताते हैं. ऐसे में एक भक्त ने प्रेमानंद जी से पूछा कि 2 साल से भजन करते हुए भी कुछ अनुभव क्यों नहीं हो रहा ? इस पर उन्होंने क्या कहा आइए जानते हैं.


 


सही स्थिति है जरूरी
प्रेमानंद महाराज ने भक्त का जवाब देते हुए कहा कि एक साल नहीं बल्कि 1 मिनट में अनुभव हो जाता है अगर स्थिति सही हो तो. महाराज जी उदाहरण देते हुए कहते हैं कि दो-चार माला जप करता है मनुष्य फिर विषय का सेवन कर रहा है तो ऐसे शुद्धता का अनुभव कभी नहीं होगा. 


 


पवित्रता की सुरक्षा
महाराज जी ने कहा लोग सोचते हैं कि गंगा नहाया व्यक्ति गंदी नाली में कूद गया तो पवित्रता खत्म हो जाती है. अगर एक बार पवित्रता हुई है तो अपवित्रता नहीं होनी चाहिए, पवित्रता की सुरक्षा करनी चाहिए. अगर नाम जप करते हैं तो मन स्वच्छ होना चाहिए तभी पवित्रता का अनुभव हो पाएगा.


 


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एक साल नहीं 1 मिनट में हो सकता है अनुभव
लोग एक साल तनमयता पूर्वक भजन करते हैं फिर भी कुछ अनुभव नहीं हो पाता. प्रेमानंद जी कहते है कि 1 साल तो बहुत ज्यादा है 1 मिनट में पर्मात्मा चिंतन होने लगता है. एक मिनट में नाम जप करने से आनंद आने लगेगा. आजकल के लोग एक मिनट अपने मन को संभाल नहीं सकते, 1 मिनट भी लक्ष्य कि ओर चिंतित नहीं रह सकते हैं. अनुभव महसूस करने के लिए मन स्वच्छ होना बहुत जरूरी है.


 


यहां देखें वीडियो



 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)