Premanand Maharaj: वृंदावन के मशहूर कथावाचक प्रेमानंद महाराज अपने विचारों से कई लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. इनके भजन-कीर्तन को सुनने दूर-दूर से लोग आते हैं. महाराज जी राधारानी के परमभक्त है. वह लोगों को आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज जी को लाखों लोगों फॉलो करते हैं. इसी के साथ उनके सत्संग और विचारों की वीडियों भी लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती है.


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कठिन परिस्थिति में मन कैसे लगाएं?
प्रेमानंद महाराज जी अपने सत्संग में लोगों की समस्याओं का बहुत सुंदर और उदाहरण सहीत हल बताते हैं. प्रेमानंद जी से एक भक्त ने पूछा कि कठिन परिस्थिति में नाम जप में हमारा मन क्यों नहीं लगता ? इस पर उन्होंने बहुत अच्छा जवाब दिया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.


 


प्रेमानंद जी के विचार
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि कठिन परिस्थिति में नाम जप करने से बल मिलेगा. अध्यात्म में किसी भी तरह की कठिन संकट से लड़ने की ताकत होती है. जब मुश्किलें आए तो जबरदस्ती मन को नाम जप में लगाएं. महाराज जी ने नाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जब तेज आंधी आती है और नाव डगमगाती है तो नाव को छोड़ कर बैठ जाना नहीं चाहिए, बल्कि मजबूती से नदी को पार करना चाहिए. इसी तरह मुश्किल परिस्थितियों में बाकी समय से ज्यादा नाम जप में मन लगाना चाहिए.


 


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नाम जप के साथ सात्विक भोजन
नाम जप करने से सभी रोगों का निदान होता है, सभी बलों का बल मिलता है. वहीं, अगर हृदय जलेगा और रोग का चिंतन रहेगा तो व्यक्ति हमेशा परेशान रहेगा. प्रेमानंद जी कहते हैं कि एक दिन तो सबको मरना ही है उससे पहले जितना पुण्य कमा सकते हैं कमाना चाहिए. नाम जप करने के साथ सात्विक भोजन खाना भी बहुत जरूरी है. 


 


आनंद की अनुभूति 
महाराज जी कहते हैं कि शराब, मांस-मदिरा से मन को कभी शांति नहीं मिलेगी. नाम जप करने से इंसान को बहुत सारे फायदे होते हैं. इसके साथ-साथ सात्विक भोजन, स्वस्ठ पेय, साफ दृश्य से आनंद की अनुभूति होती. जिस तरह काम से छुट्टी मिलने के बाद व्यक्ति को घर जाकर मां-बाप से मिलने की खुशी होती है.


 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)