Gayatri Mantra: अगर आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो ऐसा करते समय भूलकर भी इस दिशा में मुंह करके न बैठें. क्योंकि, अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको इसका पूर्ण फल नहीं मिलता है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि किस दिशा की ओर मुंह करके न बैठें
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Gayatri Mantra: कलयुग में मन को शांत रखने के लिए गायत्री मंत्र को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मंत्र को काफी शक्तिशाली माना गया है. इसके जाप से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि आत्मा की भी शुद्धी मिलती है. माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से हमारे दिल और दिमाग दोनों आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ते हैं. इसके अलावा गायत्री मंत्र के जाप से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
पूरब दिशा की ओर करें मुंह
गायत्री मंत्र का जाप पूरब दिशा की ओर मुंह करके करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको मंत्र के जपने का पूरा लाभ मिलता है. लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि हम पूरब की ओर मुंह करके मंत्र का जाप नहीं कर पाते हैं तो इसके लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह करके इस मंत्र का जाप करें. क्योंकि, सनातन धर्म में इन दो दिशाओं को काफी शुभ माना जाता है.
दक्षिण दिशा की ओर न करें मुंह
गायत्री मंत्र का जाप दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भूलकर भी न करें. क्योंकि दक्षिण दिशा को नकारात्मक ऊर्जा की दिशा कहा जाता है. इसके अलावा पश्चिम दिशा में मुंह करके भी गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए. अगर आपात स्थिति में फंसे हुए हैं और मुंह की दिशा नहीं बदल सकते हैं तो ऐसी स्थिति में पश्चिम दिशा में गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं.
यहां पढ़ें गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। इस मंत्र का अर्थ है- ॐ। मैं पृथ्वी, आकाश और स्वर्ग में सूर्य की तरह तेज के साथ चमकने वाले ईश्वर की सुंदरता का ध्यान कर रहा हूं. मैं ईश्वर को अपने अंदर धारण करता हूं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)