Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी से जानें किसी की जन्म या मृत्यु होने पर ठाकुर जी की पूजा करें या नहीं
Premanand Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग के दौरान एक भक्त ने जब पूछा ऐसा सवाल. यदि घर या फिर किसी रिश्तेदार के यहां किसी व्यक्ति की मृत्यु या फिर जन्म हुआ हो तो ऐसे में सूतक के दौरान ठाकुर जी की पूजा करनी चाहिए या नहीं! आइए विस्तार में जानें प्रेमानंद जी का जवाब.
Premanand Maharaj On Laddu Gopal: हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण के बालस्वरूप लड्डू गोपाल की हर घर में पूजा की जाती है. कई घरों में तो ठाकुर जी के रूप लड्डू गोपाल को अपने बच्चे की भांति उनकी परवरिश और सेवा की जाती है. उनकी पूजा करने के अलावा, उन्हें स्नान कराना, नए नए वस्त्रों को पहनाना, उनका श्रृंगार करना आदि. जिसके बाद उन्हें तीनों पहर उनके मनपसंद के भोग भी लगाए जाते हैं.
इतना ही नहीं रात के समय में उन्हें अपने छोटे बच्चे की भांति पालने या फिर साफ बिस्तर में बकायदा गर्मी के मौसम में पंखा या फिर कूलर में सुलाया जाता है ताकि उन्हें गर्मी का एहसास ना हो. वहीं सर्दियों में उन्हें रंग बिरंगे स्वेटर, टोपी और मफलर भी पहनाया जाता है साथ ही सोने के समय साफ कंबल के साथ हीटर चलाकर सुलाया जाता है ताकि उन्हें सर्दी का एहसास ना हो.
ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज जो कि आजकल लोगों के बीच अपने सुविचारों के लिए काफी प्रचलित हो रखे हैं. उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए या फिर किसी का जन्म हुआ हो तो उस सूतक के दौरान क्या ठाकुर की सेवा ठीक वैसे ही जारी रखनी चाहिए या नहीं! आइए विस्तार में प्रेमानंद जी के जवाब को जानें.
क्या है सूतक
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि सूतक क्या है! बता दें कि जब किसी घर के सदस्य या फिर रिश्तेदार का देहांत हो जाए तो उस दिन से अगले 13 दिन के समय को सूतक माना जाता है. जिसमें किसी भी शुभ कार्य को या फिर घर में पूजा पाठ नहीं किया जाता है. ठीक वैसे ही बच्चे के जन्म के बाद भी सूतक होता है.
सूतक में ठाकुर की सेवा करें या नहीं
प्रेमानंद जी का मानना है कि सूतक के दौरान भी ठाकुर जी की सेवा जारी रखनी चाहिए. दरअसल उनका कहना है कि लड्डू गोपाल बच्चे के समान ही हैं क्या आप अपने बच्चे को किसी भी प्रकार से कष्ट या फिर उसे भूखा रख सकते हैं. घर में विराजे हुए बाल कृष्ण केवल एक मूर्ति नहीं बल्कि वह खुद बाल गोपाल साक्षात माने जाते हैं. इसलिए किसी के आने या जाने से उनकी सेवा में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए. उनकी सेवा प्रतिदिन करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)