Havan Pujan Jaap me Tarjani ungli ka upyog: सनातन धर्म में हवन, पूजन, पाठ, मंत्र जाप आदि को विशेष स्थान दिया गया है. ये चीजें हमें भगवान के करीब ले जाती हैं. जीवन में सकारात्‍मकता, सुख और समृद्धि लाती हैं. इन शुभ कामों को करने का पूरा फल मिले इसके लिए जरूरी है कि इन्‍हें सही तरीके से किया जाए. पूजा, पाठ, मंत्र जाप, हवन आदि करते समय कुछ नियमों का ध्‍यान रखना चाहिए. जैसे पूजा-अनुष्‍ठान शुभ मुहूर्त में करें, सही विधि का उपयोग करें आदि.


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मंत्र जाप, हवन में नहीं करते तर्जनी उंगली का प्रयोग 


पूजा-पाठ से जुड़ा एक ऐसा ही नियम है कि हवन की आहुति देने में, मंत्र जाप करने में या तिलक लगाने में तर्जनी उंगली का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इन कामों में तर्जनी उंगली का उपयोग करना अशुभ माना जाता है. तर्जनी उंगली को अंग्रेजी में इंडेक्‍स फिंगर कहते हैं. यह उंगली अंगूठे के बाद पहली उंगली होती है. 


दरअसल तर्जनी उंगली व्‍यक्ति के अहंकार का प्रदर्शन करती है. आमतौश्र व्‍यक्ति तर्जनी अंगुली का प्रयोग अपने अहंकार और शक्ति को दर्शाने के लिए करता है. साथ ही दूसरों पर दोष लगाने के लिए, किसी का अपमान करने के लिए भी तर्जनी अंगुली का ही प्रयोग होता है. चूंकि धर्म, पूजा, पाठ, मंत्र जाप का मकसद होता है कि व्‍यक्ति अहंकार को त्‍यागकर भगवान के करीब जाए. वह शांत मन से भगवान की आराधना करे और इसमें उसके मन के कोई भी नकारात्‍मक भाव रुकावट ना बनें. इसलिए ऐसे शुभ कामों में तर्जनी का उपयोग नहीं किया जाता है. 


तर्जनी उंगली दुश्‍मन को ही दिखाई जाती है. इसलिए तिलक लगाने में भी तर्जनी उंगली का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है. तिलक लगाना सम्‍मान देने का प्र‍तीक होता है, इसलिए इसे अंगूठे और अनामिका उंगली से लगाना ही शुभ माना जाता है.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)