नई दिल्ली: भाई-बहन के अटूट रिश्‍ते, प्‍यार और समर्पण वाला त्यौहार रक्षाबंधन गुरुवार यानी 15 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन का त्‍यौहार हिन्‍दू धर्म के बड़े त्‍यौहारों में से एक है, जिसे देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी आयु और मंगल कामना करती हैं. वहीं, भाई अपनी प्‍यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का एक साथ
रक्षाबंधन हर साल सावन महा की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन भारत के स्‍वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ को मनाया जाएगा. इस बार 19 साल बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का एक साथ योग बना है. इससे पहले यह संयोग साल 2000 में बना था.


पूर्णिमा के दिन ही होगी श्रवण नक्षत्र की शुरुआत
गुरुवार का दिन होने के कारण भी इसका महत्व बढ़ जाता है. गंगा स्नान, शिव पूजन और विष्णु पूजन करने से आयु, अरोग्य, विद्या-बुद्धि सहित हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए इस बार त्यौहार का महत्व और अधिक है. इसके साथ ही सावन पूर्णिमा के दिन ही श्रवण नक्षत्र की शुरुआत होती है.


नहीं है भद्रा काल
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल नहीं है और न ही किसी तरह का कोई ग्रहण है. यही वजह है कि इस बार रक्षाबंधन शुभ संयोग वाला और सौभाग्‍यशाली है.


पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 14 अगस्‍त 2019 को रात 9 बजकर 15 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 15 अगस्‍त 2019 को रात 11 बजकर 29 मिनट तक


लाइव टीवी देखें



ये है शुभ मुहूर्त
मान्‍यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर में राखी बांधनी चाहिए. अगर अपराह्न का समय उपलब्‍ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है. भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, हालांकि इस बार भद्रा नहीं लग रही है. 


राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: 15 अगस्‍त 2019 को सुबह 10 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक का समय राखी बंधवाने के लिए शुभ है.