Pm Modi Follow 11 Day Vrat: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का काम जोरों-शोरों से चल रहा है. देश-विदेश में भी इसका उत्साह जोरों पर है. बता दें कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन का विशेष अनुष्ठान करेंगे, जो एक तपस्वी की तरह होगा. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बड़ा मुश्किल है लेकिन मैंने अपनी तरफ से ये एक प्रयास किया है. ऐसे में जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान का महत्व और क्या है यम नियम. 


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प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान का महत्व 


शास्त्रों के अनुसार देव प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा को एक विशद और वृहद प्रक्रिया बताया गया है. इसके लिए कई नियमों का पालन पहले से ही किया जाता है. रामभक्त होने के नाते अपने व्यस्तताओं और जिम्मेदारियों के साथ प्रधानमंत्री ने इस अनुष्ठान का पालन करने का निश्चय किया, जैसा की शास्त्रों में निर्देश दिया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को नासिक स्थित पंचवटी धाम से अपने 11 दिवसीय अनुष्ठान का ऐलान करते हुए एक ऑडियो संदेश जारी किया था. और अपनी भावनाएं देशवासियों के साथ सांझा की थी. 


यम व्रत में जानें यम का अर्थ


राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने जिस 11 दिवसीय यम व्रत अनुष्ठान का नियम लिया है, उसमें 'यम' के अर्थ को जान लेना भी बहुत जरूरी है. बता दें कि यम व्रत में यम- संयम, अंहिसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह आदि से है. व्रत का नियम लेने पर व्यक्ति को इन सभी 5 चीजों का पालन करना पड़ता है.   


जानें क्या हैं यम नियम, जिसका पालन करेंगे पीएम मोदी 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अनुष्ठाम में जिन यम नियमों का पालन करना होता है, उसमें नियमित रूप से स्नान करना होता है. इसके साथ ही, बाहरी भोजन और ध्रुमपान का त्याग किया जाता है. क्रोध, अंहकार और मद से मुक्त होकर कर मन को विचलित होने से दूरी बनानी होगी. वहीं, अगर किसी तरह के सच बोलने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़े, तो उस समय मौन रहना होगा. 


जातक को इस नियम के दौरान सदविचार और सही चिंतन करने वाला होना चाहिए. इसके साथ ही, जातक आचार्य और ब्राह्मणों से झगड़ा और कटु वचन का प्रयोग न करे. वहीं, अगर पुरुष है, तो वे सिला हुआ धोती वस्त्र नहीं पहन सकेंगे, वहीं महिलाएं लहंगा और चोली जैसे वस्त्र ही पहन सकती हैं. 


इसके अलावा, बता दें कि यम नियम के दौरान जातको को भोजन में हल्दी, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज,मदिरा, अंडा, मास, तेल से बने पदार्थ चना, चावल, राई, भुजिया, गुड़ आदि वर्जित है. खाने की चीजे भगवान को भोग लगाने के बाद ही खाई जा सकती हैं. इसके साथ ही, दोपहर में सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद ही खुद भोजन ग्रहण कर सकते हैं. खटिया पर सोना और बैठने की मनाही होती है. आसन के लिए कंबल का प्रयोग कर सकते हैं. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)