Surya Tilak Mehatav: 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और राम नवमी के दिन राम जन्मभूमि  पर खास तैयारियां की गई हैं. पूरे मंदिर परिसर को कई टन फूलों से सजाया गया है. सुबह रामलला का दूध और चंदन से दिव्य अभिषेक किया गया और दोपहर 12 बजे रामलाल के मस्तक पर सूर्य किरणों से तिलक किया गया है. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे. लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि रामलला और सूर्य देव के बीच क्या कनेक्शन है. 


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सूर्यवंशी है प्रभु श्री राम 


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रभु श्री राम को सूर्यवंशी के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि भगवान श्री राम का जन्म सूर्यवंश में हुआ था. रामायण के अनुसार ऋषि कश्यप और अदिति से सूर्य देव का जन्म हुआ था और सूर्य देव के पुत्र सत्यव्रत मनु से मनुष्यों की उत्पति हुई थी और इसी वंश की 66वीं पीढ़ी में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. इसलिए ये कहा जाता है कि भगवान श्री राम सूर्य देव के पूर्वज थे. 


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सूर्य तिलक का महत्व 


लगभग 500 साल बाद अयोध्या नगरी में राम मंदिर का निर्माण हुआ था. इसके बाद पहली बार या यूं कह लें कि 500 साल बाद अयोध्या में रामनवमी के दिन सूर्य तिलक किया गया है और जोर-शोर से राम जन्मोत्सव मनाया गया है. इस रामनवमी को यादगार बनाने के लिए ही सूर्य तिलक किया गया है. सूर्यवंशी राजा होने के कारण रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक हिंदुओं के लिए गौरव की बात है. 


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