रुद्रप्रयाग, हरेंद्र नेगी: साल 2013 में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में जिस तरह का जलप्रलय (Flood) आया था.  उसने इस पूरे इलाके की शक्ल ही बदलकर रख दी थी. श्रद्धालुओं ने यहां जाने के सपने ही छोड़ दिए थे और इस यात्रा को दोबारा बहाल कराना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी. आपदा के 6 साल बाद अब केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के लिए पहले से कहीं ज़्यादा श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. इस साल भगवान केदारनाथ यात्रा में आए श्रद्धालुओं ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.


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हिंदू मान्यता में चार धाम की यात्रा धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम है, जहां हर साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है . लाखों श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. इस साल पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु यहां पहुंचे. साल 2019 में 9 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं. साल 2013 में आई विनाशकारी आपदा के बाद इस पूरे इलाके में जो तबाही मची थी. उसके बाद शायद ही किसी ने सोचा होगा था कि यहां दोबारा श्रद्धालु इस गर्मजोशी से आ सकेंगे.


आस्था और श्रद्धा पर कोई भी आपदा भारी नहीं पड़ सकती. साल 2012 में जहां केदारनाथ यात्रियों की संख्या साढ़े पांच हजार थी. वहीं, 2013 की आपदा के 6 साल बाद 2019 में ये संख्या 9 लाख से ऊपर पहुंच चुका है. इस साल यात्रा के शुरुआती एक महीने में हीं पांच लाख यात्री केदारनाथ धाम पहुंच चुके थे. बरसात के दौरान जुलाई और अगस्त महीने में यात्रियों की संख्या में थोड़ी गिरावट ज़रूर आई, फिर भी 3 लाख यात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए.


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यहां आने वाले यात्री उत्तराखंड और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते नहीं थक रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि आपदा का कहना है कि जो मंजर आपदा के बाद सामने आया था, उसके बाद ये कभी नहीं सोचा था कि बाबा के दर्शन कभी कर पाएंगे. लेकिन सपना सरकार की कोशिशों और उनके हौसलों से जल्द ही साकार हो गया.