Coconut Offer In Narmada: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा में निरयल का इस्तेमाल करना शुभ परिणाम दिलाता है. लेकिन नारियल को अगर सही तरीके से पूजा पाठ में इस्तेमाल  नहीं किया जाए तो इसका खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है. दरअसल हिंदू धर्म में पवित्र नदी नर्मदा में नारियल जिसे श्रीफल भी कहते हैं चढ़ाने का विधान है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन कई बार लोग पूजा पाठ के दौरान नारियल को नदी में अर्पण नहीं बल्कि फेंक देते हैं. बतादें कि किसी भी पवित्र नदी में नारियल को फेंकने की कभी गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना बिल्कुल गलत है, आइए विस्तार में जानते हैं कि पवित्र नदियों में नारियल कैसे अर्पण करना चाहिए और गलत तरीके से अर्पित करने से किस प्रकार से भुगतान सहना पड़ सकता है!


नर्मदा नदी का महत्व


नर्मदा नदी भगवान शिव की पुत्री हैं. नर्मदा नदी की ऐसी मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने के बराबर अगर नर्मदा के दर्शन कर लिए जाए तो यह एक समान पुण्य देता है. नर्मदा नदी की पूजा करने का अपना अलग विधान है, जिसे फॉलो करने से फल की प्राप्ति होती है.


नर्मदा नदी की पूजा करने का तरीका


किसी भी पवित्र स्थल या नदी में पूजा के दौरान पूजन सामग्री को अर्पित किया जाता है. वहीं नर्मदा नदी में नारियल चढ़ाने समय उसे श्रद्धा भाव से मां नर्मदा नदी के चरणों में अर्पण करना चाहिए.


पुराणों में मिलता है सही प्रमाण


बता दें कि नर्मदा पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण, नारद पुराण के अलावा स्मृति ग्रंथों में भी नर्मदा नदी में पूजा विधान के दौरान नारियल अर्पण करते समय दोनों हाथों से प्रवाहित करना चाहिए.


नारियल नदी में फेंकने की ना करें गलती


बता दें कि नारियल को नर्मदा नदी में फेंकना अपमान के समान मानते हैं. जैसे किसी को कोई समान देते हैं तो दोनों हाथों का प्रयोग करते हैं ठीक वैसे ही नर्मदा नदी में भी श्रद्धा भाव से दोनों हाथों का प्रयोग करते हुए नारियल को अर्पण करते हुए प्रवाहित करें.



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)