Kab Nahi Banayen Roti: आपने एकादशी पर अक्षत यानी चावल न बनाने के शास्त्रीय नियमों के बारे में तो सुना ही होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि 5 ऐसे मौके भी आते हैं, जिसमें हमें भूलकर भी घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए. ऐसा न करने पर धन-धान्य की देवी मां अन्नपूर्णा रूठकर चली जाती हैं और परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाती है. आज हम आपको उन 5 दिनों के बारे में बताते हैं, जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए. 


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शरद पूर्णिमा


शास्त्रों के मुताबिक शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में दक्ष होता है. उस दिन शाम के समय खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है अगले दिन उसका सेवन किया जाता है. इस दिन घर में रोटी (Roti ke Upay) बनाना वर्जित होता है और ऐसा करना अशुभ माना जाता है. 


शीतलाष्टमी


शीतला अष्टमी पर माता शीतला देवी की पूजा की जाती है. उस दिन शीतला माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है. इस भोग के बाद बचे हुए बासी खाने को प्रसाद के रूप में खुद खाया जाता है. इस दिन घर में रोटी (Roti ke Upay) समेत कोई भी ताजा भोजन बनाने की मनाही होती है. 


मृत्यु होने पर


पुराणों के मुताबिक जब किसी घर में मृत्यु हो जाए तो उस दिन वहां पर भूलकर भी रोटी (Roti ke Upay) या अन्य भोजन नहीं बनाया जाना चाहिए. कहा जाता है कि 13वीं संस्कार होने के बाद ही घर में रोटियां बनाई जानी चाहिए. उससे पहले रोटी बनाने पर अशुभ परिणाम भोगने पड़ते हैं. 


मां लक्ष्मी के त्योहार


सनातन धर्म में कहा गया है कि दिवाली समेत मां लक्ष्मी से जुड़े त्योहार आने पर घर में रोटी नहीं बल्कि पकवान बनाए जाने चाहिए. इस दिन पूरी-हलवा सब्जी बनाकर सेवन करना चाहिए. अगर आप उस दिन भी रोटी बनाते हैं तो माना जाता है कि आपको मां लक्ष्मी के आगमन की खुशी नहीं हुई है. 


नागपंचमी


नाग पंचमी के दिन अपने घर की रसोई में चूल्हे पर तवा रखना और रोटी (Roti ke Upay) बनाना वर्जित माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक तवे को नाग के फन का प्रतीक माना जाता है. इसलिए नागपंचमी के दिन चूल्हे पर तवा रखने की मनाही की गई है. इसके बजाय आप पतीले में उस दिन कोई और व्यंजन बना सकते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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