Mahakumbh 2025 Rudraksha Baba: प्रयागराज महाकुंभ में आवाहन अखाड़े के रुद्राक्ष वाले बाबा फिर से संगम की रेती पर पहुंच गए हैं. इस बार रुद्राक्ष वाले बाबा नए संकल्पों के साथ कुंभ की नगरी में पहुंचे हैं. दो लाख से अधिक रुद्राक्ष की माला और सिर पर मुकुट के साथ रुद्राक्ष की खास सदरी धारण करके नए अनुष्ठान और नए संकल्पों के साथ महाकुंभ की धरा पर पहुंच गए हैं. जी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में रुद्राक्ष वाले बाबा ने बताया कि उनका एक संकल्प अयोध्या में भव्य राम मंदिर का पूरा हुआ है. लेकिन, काशी और मथुरा के अलावा भारत को हिंदू राष्ट्र बनने का संकल्प अभी अधूरा है. 


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हरियाणा से आए आवाहन अखाड़े के संत गीतानंद महाराज श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. गीतानंद महाराज अपने शरीर पर ढाई लाख रुद्राक्ष से बनी माला धारण किए हुए हैं. उन्होंने तकरीबन ढाई हजार रुद्राक्ष की मालाओं से शिवलिंग की आकृति बनाकर उसे अपने सिर पर रखा हुआ है. रुद्राक्ष का वजह करीब 45 किलो है. 


महाकुंभ में रेती पर घंटों साधना करते हैं रुद्राक्ष वाले बाबा


संत गीतानंद महाराज महाकुंभ के दौरान गंगा की रेती पर घंटों धूनी रमाकर साधना में रत रहते हैं. वे कहते हैं कि संत का अपना कोई परिवार नहीं होता, वह संपूर्ण मानव जगत को अपना परिवार मानता है. 


2031 में होगी संकल्प की पूर्णाहुति


आवाहन अखाड़े से जुड़े महंत गीतानंद, हरियाणा के पलवल से आए हुए हैं. उनका आश्रम हरियाणा और पंजाब दोनों जगह है. रुद्राक्ष वाले बाबा के मुताबिक, वे 2019 के महाकुंभ में प्रयागराज पहुंचे. जहां उन्होंने 12 वर्षों के लिए अपने सिर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करने का संकल्प लिया. उन्होंने बताया कि उनके संकल्प की पूर्णाहुति साल 2031 में होगी.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)